पटना:चुनावी राजनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोरने बिहार की राजनीति के ठहरे हुए पानी में कंकड़ मारकर राजनीतिक दलों के बीच हलचल पैदा कर दी है. दरअसल अल्पसंख्यक सम्मेलन के दौरान प्रशांत किशोर के एक बयान से राजनीतिक दल पशोपेश में है. 17 फीसदी अल्पसंख्यक वोटर को साधने के लिए बिहार में राजनीतिक दलों के बीच खींचतान जारी है. अल्पसंख्यक सम्मेलन के जरिए पीके ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में वह कम से कम 40 मुस्लिम कैंडिडेट उतारेंगे.
मुस्लिम विधायकों की संख्या में कमी:अल्पसंख्यकों को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के अंदर अल्पसंख्यकों की भागीदारी लगातार घट रही है. राष्ट्रीय जनता दल के लालटेन में तेल मुसलमान डाल रहे हैं लेकिन रोशनी कहीं और फैल रही है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल की नीतियों की वजह से मुसलमानों की भागीदारी नहीं बढ़ी.
आरजेडी को खुला ऑफर:प्रशांत किशोर ने कहा कि जहां पर भी आरजेडी के लोग अल्पसंख्यक समुदाय से लोगों को टिकट देंगे, वहां जन सुराज उम्मीदवार नहीं देगा. राष्ट्रीय जनता दल के 19 विधायक के खिलाफ हम उम्मीदवार नहीं देंगे लेकिन उन्हें भी यह विश्वास दिलाना चाहिए कि जहां मुसलमानों की भागीदारी है, वहां पर उनको भी वोटों का बंटवारा नहीं करना होगा.
"हम 25 लोगों की कमेटी बनाने जा रहे हैं. जिसमें चार से पांच नेता मुस्लिम समुदाय से होंगे. हमारी पार्टी से 40 मुस्लिम उम्मीदवार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. अगर राष्ट्रीय जनता दल मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देता है तो मैं वहां से उम्मीदवार नहीं दूंगा. मेरी इस चुनौती को तेजस्वी यादव स्वीकार करें, अगर उनमें हिम्मत है."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने किया प्रतिवाद: असदुद्दीन ओवैसी को लेकर भी प्रशांत किशोर ने एआइएमआइएम को उलझन में डालने की कोशिश की है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि असदुद्दीन ओवैसी सिर्फ मुसलमान की बात करते हैं और उनके वोट बैंक की राजनीति करते हैं लेकिन मैं मुसलमान के साथ हिंदुओं को भी जोड़ना चाहता हूं. प्रशांत किशोर के बयान को एआईएमआईएम ने खारिज कर दिया है.
"प्रशांत किशोर गलत बयानी कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ मुसलमान की राजनीति करते हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान हमने 8 में से 4 टिकट गैर मुस्लिम अर्थात हिंदुओं को दिया. जहां तक उनके ऑफर का सवाल है तो उनके ऑफर से हमें कोई ताल्लुक नहीं है, हम स्वतंत्र रूप से अपना निर्णय लेते हैं."- इंजीनियर आफताब अहमद, महासचिव, एआईएमआईएम
आरजेडी के 12 अल्पसंख्यक विधायक:राष्ट्रीय जनता दल 'एमवाई यानी माय' समीकरण की राजनीति करता है, वहीं असदुद्दीन ओवैसी भी सीमांचल की सियासत में मजबूत दखल रखते हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के 5 विधायक चुनाव जीते थे. हालांकि बाद में 4 विधायकों ने पाला बदल लिया. फिलहाल ओवैसी की पार्टी के एक ही विधायक है. फिलहाल विधानसभा में 19 अल्पसंख्यक विधायक हैं. जिनमें राष्ट्रीय जनता दल के 12 अल्पसंख्यक विधायक हैं.
आरजेडी का प्रशांत किशोर पर हमला:राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि प्रशांत किशोर राजनीति में कदम बढ़ा रहे हैं. वह किस दल की 'बी' टीम है, यह सब को पता है. प्रशांत किशोर अपनी पहचान की लड़ाई लड़ रहे हैं. अभी पार्टी बनी नहीं है लेकिन ढोल बजा रहे हैं.