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सागर हत्याकांड मामले में सियासत तेज, कमलनाथ का मोहन सरकार से सवाल, क्या MP में दलित होना गुनाह? - Politics On Sagar Dalit Murder Case

सागर जिले में पीड़ित दलित युवती की मौत और उसके चाचा की हत्या के मामले में सियासत तेज हो गई है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट करते हुए मोहन सरकार को घेरा है. साथ ही सवाल किया है कि क्या दलित होना गुनाह है? वहीं प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.

POLITICS ON SAGAR DALIT MURDER CASE
कमलनाथ का मोहन सरकार से सवाल (ETV Bharat)

By IANS

Published : May 28, 2024, 3:29 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले में दलित की हत्या और उसके बाद युवती की एंबुलेंस से गिरकर हुई मौत का मामला गरमा गया है. इस मामले को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की मोहन सरकार को घेरा है. कांग्रेस का आरोप है कि मध्य प्रदेश में दलित होना गुनाह हो गया है. सोमवार को राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पीड़ित परिवार से मिलने सागर पहुंचे थे. यहां उन्होंने दलित मुंहबोली बहन की अर्थी को कांधा भी दिया था. वहीं मंगलवार को पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट कर सरकार पर सवाल उठाए हैं.

सागर मामले में कमलनाथ का सरकार से सवाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक्स पर लिखा, "मध्य प्रदेश के सागर जिले के ग्राम बरोदिया नोनागिर में दलित युवती द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत से गुस्साए गुंडों ने युवती के भाई नितिन अहिरवार की पिछले वर्ष अगस्त माह में हत्या कर दी थी. हत्या में बीजेपी नेताओं की संलिप्तता सामने आई थी. हत्या के बाद पीड़ित परिवार पर समझौते के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था. पीड़ित परिवार समझौते के लिये तैयार नहीं हुआ तो दो दिन पूर्व पीड़िता के चाचा राजेंद्र अहिरवार की भी हत्या कर दी गई."

कमलनाथ ने आगे कहा, जब पीड़ित युवती के चाचा का पोस्टमार्टम कराकर शव को वापस ले जाया जा रहा था, तब रास्ते में पीड़ित युवती संदिग्ध परिस्थितियों में एंबुलेंस से गिर गई और उसकी भी मृत्यु हो गई. मैं यह सुनकर स्तब्ध हूं कि किस तरह नौ महीने के भीतर एक दलित बेटी की छेड़छाड़ की शिकायत पर पहले उसके भाई की हत्या, फिर उसके चाचा की हत्या और फिर संदिग्ध परिस्थितियों में उस बेटी की भी मौत हो गई.

कमलनाथ ने पूछा-क्या दलित होना गुनाह?

उन्होंने कहा, पीड़िता के भाई की हत्या के बाद प्रशासन ने पीड़िता को नौकरी और सुरक्षा समेत कई आश्वासन दिये थे. उनमें से कुछ भी पूरे नहीं किये गये. युवती को नौकरी नहीं मिली, घर से सुरक्षा हटा दी गई. सीसीटीवी के केबल काट दिये गये. राजीनामा के लिये बार-बार दबाव बनाया गया. पीड़ित बेटी ने थाने में शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. क्या मध्य प्रदेश में अब दलित होना गुनाह हो गया है? क्या एक पूरे दलित परिवार को खत्म करने वाले बीजेपी संरक्षित आरोपियों को सजा मिलेगी? क्या मुख्यमंत्री इस परिवार के बचे हुए सदस्यों का जीवित बचना सुरक्षित करेंगे ?

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सागर और गुना की घटना ने प्रदेश को किया कलंकित

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा 'सागर और गुना की घटना ने प्रदेश को फिर से कलंकित किया है. पता नहीं आप कौन-से प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री हैं! क्योंकि, मध्यप्रदेश में तो दोनों की ही उपस्थित दिखाई नहीं देती. यदि गृह मंत्रालय नहीं संभाल पा रहे हैं, तो छोड़ क्यों नहीं देते? आपकी जिद जनता की जान लेने पर उतारू है.

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