रांचीः राजधानी रांची के पंडरा में 13 लाख की लूट और फायरिंग मामले में रांची पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने इस मामले में तीन महिलाओं सहित आठ अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से हथियार लूटे गए पैसे और एक स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद की गई है.
रांची के पंडरा में 30 दिसंबर को हुए लूटकांड और मैनेजर को गोली मारने की वारदात में शामिल सभी 8 अपराधी गिरफ्तार कर लिए गए. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस घटना में तीन महिलाएं भी शामिल थी जो गिरफ्तार की गई है. पूरी साजिश को अंजाम देने के लिए एक महीने से प्लानिंग की जा रही थी जिसका सूत्रधार जिस कंपनी के पैसे लुटे गए उसका पुराना कर्मचारी ही निकला. रांची एसएसपी के द्वारा बनाई गयी एसआईटी ने सभी को गिरफ्तार किया है.
जैम्बो एसआईटी बनाई गयी थी
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि कांड के लिए जैम्बो एसआईटी बनाई गयी थी. जिसमें सिटी एसपी राजकुमार मेहता सहित बीस से ज्यादा अफसर और कर्मी शामिल रहे. इस टीम में शामिल सभी अधिकारी और पदाधिकारियों ने बिना सोए हुए दिन-रात मेहनत किया और आरोपियों को गिरफ्तार किया.
पुराने कमर्चारी ने अपराधी के साथ मिलकर की थी प्लानिंग
आशीर्वाद आटा कंपनी के 13 लाख रुपए लूटने की साजिश कंपनी के ही एक पुराने कर्मचारी चंद्रशेखर के द्वारा रची गई थी. चंद्रशेखर को यह पता था कि कंपनी में कार्यरत सुमित कब पैसा लेकर बैंक जाता है. चंद्रशेखर को अनियमितता बरतने के आरोप में कंपनी से निकाल दिया गया था और थाना में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. उसके बाद से ही चंद्रशेखर पैसे लूटने की जुगत में लगा हुआ था. लूट की प्लानिंग को अमलीजामा पहनाने के लिए चंद्रशेखर ने रामगढ़ के कुख्यात अपराधी राजेश श्रीवास्तव से संपर्क किया. उसके बाद राजेश ने ओरमांझी में होटल चलाने वाले संतोष कुमार से अन्य अपराधियों को इकट्ठा करने का टास्क दिया.
होटल में ही हुई प्लानिंग
लूट की पूरी प्लानिंग ओरमांझी स्थित संतोष के होटल में ही रची गई. जहां कांड में शामिल सभी अपराधी इकट्ठा हुए उसके बाद चंद्रशेखर ने सभी को बताया कि कंपनी का पैसा हर सोमवार को बैंक में जमा होता है. इसीलिए लूट को सोमवार को ही अंजाम देने की प्लानिंग की गई. लूटकांड को अंजाम देने के लिए हथियार का जुगाड़ रामगढ़ के अपराधी राजेश श्रीवास्तव ने किया. मीटिंग में अभी तय हुआ कि लूट के बाद पैसे कहां छुपाने हैं और किस रास्ते से भागना है.
30 दिसंबर को लूट, विरोध करने पर एक को गोली मारी
पूरी प्लानिंग के साथ 30 दिसंबर को दिन के 11 बजे से ही पूरा गैंग पंडरा स्थित बैंक के आसपास रेकी में जुट गया. हर सोमवार की तरह दोपहर सवा बारह बजे कैशियर सुमित पैसा जमा करने के लिए आईसीआईसीआई बैंक के पास कार से पहुंचे. सुमित ने कार में पीछे की सीट पर रुपयों से भरा थैला रखा था. सुमित ने जैसे ही कार से उतरकर पीछे का दरवाजा खोला, इसी दौरान दो अपराधियों ने जिसमें चंद्रशेखर भी शामिल था, हाथ में पिस्टल लेकर सीधे सुमित की कनपट्टी में सटा दिया और उन्हें कार के भीतर आधा घुसा दिया.