रांची:नशे के तस्करों के खिलाफ और मादक पदार्थों पर रोक लगाने को लेकर पुलिस, जिला प्रशासन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, रिहैब सेंटर के अधिकारी, डॉक्टर, एनजीओ के साथ साथ छात्र और समाज के प्रबुद्ध लोग पहली बार एक मंच पर नजर आए. मंच के माध्यम से मादक पदार्थों पर रोक के लिए आवश्यक जानकारी और जोरदार जन सहभागिता पर बल दिया गया.
विभिन्न प्रकार के मादक पदार्थों की दी गयी जानकारी
मादक पदार्थो के खिलाफ लड़ाई के लिए सबसे पहले कार्यक्रम में शामिल लोगों को नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के एसपी सारिक उमर के द्वारा विभिन्न प्रकार के मादक पदार्थों और उनके प्रभाव के बारे में पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी गयी. कार्यक्रम में शामिल लोगों को विशेषकर छात्रों को मादक पदार्थों की पहचान, सेवन से होने वाले प्रभाव और बचाव के बारे में विस्तार से बताया गया. नशे के सेवन से किस तरह युवा पीढ़ी और समाज प्रभावित हो रहे हैं. इससे संबंधित एनसीबी का वीडियो भी सभी को दिखाया गया.
बच्चों से मेल-मिलाप बढ़ाये - एसएसपी
कार्यक्रम के दौरान रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि नशे के खिलाफ अब जन जागरण की आवश्यकता है. माता-पिता अपने बच्चों के क्रियाकलापों पर नजर रखें, उनसे बातचीत करें, उनके साथ में लंच या डिनर करें. बच्चों की आंखों, चलने और बोलने के तरीके से पहचानें, कहीं वो नशा तो नहीं कर रहे, एससपी ने उदाहरण देते हुए बताया कि सिगरेट क्या है? तंबाकू की डंडी, जिसके एक सिरे में धुआं है और दूसरे सिरे पर एक मूर्ख जैसा इंसान. इसलिए इसे समझने की जरूरत है.
एससपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि जिले में कोई भी मादक पदार्थ आसानी से न बेच पाए, इसके लिए पुलिस को सतर्क रहने की आवश्यकता है. उन्होंने अभियान से जुडे़ सभी पुलिस पदाधिकारियों से नशे को कारोबार को जड़ से समाप्त करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिये.
एक युद्ध नशे के विरुद्ध, हेल्पलाइन 9153886238 पर दें जानकारी