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स्कूटी से फर्राटे भर रहा था नाबालिग, पुलिस ने कर दिया सीज, ₹25 हजार का चालान भी काटा - Almora Minor Driving Scooty

Minor Driving Scooty in Almora अल्मोड़ा में अभिभावक अपने लाड़लों को स्कूटी देने से बाज नहीं आ रहे हैं. स्कूटी पाकर लाड़ले भी खूब फर्राटे भर रहे हैं. जिन्हें पुलिस पकड़ कर सबक सीखा रही है. ऐसा ही मामला रानीखेत में देखने को मिला है. जहां पुलिस को एक नाबालिग स्कूटी दौड़ाता मिला. जिस पर पुलिस ने स्कूटी सीज कर दिया और अभिभावकों पर 25 हजार का जुर्माना लगा दिया.

Minor Driving Scooty in Almora
स्कूटी सीज (फोटो- अल्मोड़ा पुलिस)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 15, 2024, 5:35 PM IST

अल्मोड़ा: अगर आपका नाबालिग बच्चा भी स्कूटी या अन्य कोई वाहन चलता है तो उसे मना करें. नहीं तो आप को हजारों रुपए का चालान भरना पड़ सकता है. क्योंकि, नाबालिगों के वाहन चलाते पकड़े जाने पर पुलिस एमवी एक्ट के तहत अभिभावक के खिलाफ चालानी कार्रवाई कर रही है. रानीखेत पुलिस ने भी मजखाली में चेकिंग के दौरान एक नाबालिग को वाहन चलाते पकड़ा और उसके अभिभावक के खिलाफ 25 हजार का कोर्ट चालान कर दिया. साथ ही स्कूटी को भी सीज कर दिया है.

दरअसल, रानीखेत के मजखाली क्षेत्र में पुलिस चेकिंग अभियान चला रही थी. तभी एक स्कूटी संख्या UK 01 B 6319 आती दिखाई दी. जब मजखाली चौकी प्रभारी कृष्ण कुमार ने स्कूटी को रोककर चेकिंग की तो स्कूटी चलाने वाले की उम्र कम प्रतीत हुई. जिस पर उन्होंने उसकी उम्र के बारे में पता किया तो वो नाबालिग निकला. जिसकी उम्र 16 वर्ष 5 महीना पाई गई. ऐसे में वाहन चालक का नाबालिग पाए जाने पर स्कूटी को सीज कर दिया गया.

रानीखेत थाना प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार धनकड़ ने बताया कि स्कूटी चालक के नाबालिग पाए जाने पर अभिभावक को मौके पर बुलाया गया. साथ ही धारा 199 ए एमवी एक्ट (मोटर वाहन अधिनियम) के तहत 25 हजार रुपए का कोर्ट चालान कर दिया गया. वहीं, नाबालिग को अभिभावक के सुपुर्द कर दिया गया. साथ ही काउंसलिंग कर भविष्य में अपने नाबालिग बच्चे को वाहन न देने की हिदायत भी दी.

एसएसपी पींचा की लोगों से अपील:अल्मोड़ा एसएसपी देवेंद्र पींचा ने लोगों से अपने नाबालिग बच्चों को वाहन न चलाने देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि नाबालिग बच्चों के वाहन चलाना दुर्घटना का कारण बन सकता है. बच्चों की सुरक्षा के लिए उन्हें समझाएं कि जब तक वो बालिग नहीं होते है, तब तक वो वाहन नहीं चला सकते हैं. नाबालिग बच्चों के वाहन चलाने पर अभिभावकों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी.

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