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पुलिस ने अवैध बजरी के शक में पकड़े 5 डंपर जांच कर छोड़े, न परिवहन विभाग को बुलाया न खनन विभाग को दी सूचना - 5 dumpers released

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 9, 2024, 7:49 PM IST

कोटा के कुन्हाड़ी थाना पुलिस ने शुक्रवार को अवैध बजरी के शक में 5 डंपर पकड़े. इनकी जांच के बाद छोड़ दिया गया. इस दौरान ना तो परिवहन विभाग को बुलवाया और ना ही खनन विभाग को सूचना दी.

Police caught 5 dumpers on suspicion of illegal gravel
5 डंपर जांच कर छोड़े (ETV Bharat Kota)

कोटा: शहर की कुन्हाड़ी थाना पुलिस ने शुक्रवार को बजरी के पांच डंपरों को पकड़ा. इसके बाद उन्हें थाने पर लाकर खड़ा करवाया गया और जांच के बाद छोड़ दिया गया. जबकि सभी डंपर परिवहन विभाग के नियमों की उल्लंघन कर रहे थे, सभी बजरी के डंपर ओवरलोड थे. यहां तक कि नियमों के तहत रवन्ने की जांच भी माइनिंग विभाग ही कर सकता है, लेकिन पुलिस ने ही यह जांच कर डंपर को छोड़ दिया. पकड़े गए डंपरों पर वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं लिखे हुए थे. नंबर नहीं लिखे होने पर एमवी एक्ट में कार्रवाई का प्रावधान है. ऐसे में इनकी जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं. वहीं, कुन्हाड़ी थाना अधिकारी अरविंद भारद्वाज ने बताया कि जांच के लिए थाना इलाके से गुजर रहे डंपरों को रुकवाया. यह सभी डंपर थाने पर खड़े किए थे. इन सभी के रवन्ने की जांच हमने की है. जिसमें सभी डंपर के कागजात सही पाए गए हैं. ऐसे में इन्हें रिलीज कर दिया है.

यह होना चाहिए था प्रोटोकॉल: बजरी के पकड़े गए डंपरों में 25 टन की जगह 50 टन से ज्यादा बजरी भरी हुई थी. सभी ट्रक ओवरलोड थे. इसके बावजूद पुलिस ने कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग को सूचना नहीं दी. दूसरी तरफ रवन्ना जांचने के लिए भी खनन विभाग को सूचना दी जाती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. खनन विभाग के सीनियर माइनिंग इंजीनियर यशवंत डामोर का कहना है कि उनके पास इस संबंध में कोई सूचना नहीं आई थी. हो सकता है, माइनिंग इंजीनियर को कोई सूचना दी गई हो. जबकि माइनिंग इंजीनियर रामेश्वर मंगल का कहना है कि उन्हें भी किसी तरह की कोई सूचना नहीं मिली है. जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने भी पुलिस से किसी भी तरह की सूचना मिलने के संबंध में इनकार किया है.

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लाखों रुपए की लगती पेनल्टी: माइनिंग इंजीनियर रामेश्वर मंगल का कहना है कि जिस विभाग से रवन्ना जारी हुआ है, वही उसकी पूरी जांच पड़ताल कर सकता है. अगर डंपर को रोक कर मौके पर रवन्ना देखा जाए और वह उपलब्ध करा देता है. तब तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन कुछ देर खड़ा रहकर रवन्ना उपलब्ध करवाया जाता है, तब तो रवन्ने में हेर-फेर भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि अवैध बजरी पर तीन से चार लाख रुपए का कंपाउंड बैठता है. इसी तरह से डीटीओ सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित का कहना है कि ओवरलोडिंग पर पहले एक टन पर 6 हजार और उसके बाद प्रति टन एक हजार की पेनल्टी बैठती है. ऐसे में अगर डंपर में 25 टन तक ओवरलोड माल हो, तब 30000 की पेनल्टी बन जाती है.

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