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राजसमंद में बलात्कार से गर्भवती हुई बेटी, अदालत ने दुष्कर्मी पिता को सुनाई उम्रकैद की सजा - Punishment for rapist father

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 14, 2024, 9:51 PM IST

राजसमंद में पाॅक्सो न्यायालय ने नाबालिग बेटी से दुष्कर्म कर गर्भवती करने के मामले में दोषी सौतेले पिता को अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई है.

दुष्कर्मी पिता को उम्रकैद की सजा
दुष्कर्मी पिता को उम्रकैद की सजा (ETV Bharat GFX Team)

दुष्कर्मी पिता को उम्रकैद की सजा (ETV Bharat Rajsamand)

राजसमंद.जिले में पाॅक्सो न्यायालय ने तेरह साल की बेटी से दुष्कर्म कर गर्भवती करने के मामले में सौतेले पिता को दोषी करार दिया है. न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ ने इस मामले में आदेश देते हुए दोषी को जीवन की अंतिम सांस तक कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी को 80 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है. इस घिनौने कृत्य को लेकर कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए टिप्पणी कि अगर पिता ही हैवान बन जाए, तो फिर मासूम बच्चियों का जीना ही दुश्वार हो जाएगा.

पॉक्सो कोर्ट राजसमंद के विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 20 जून 2022 को नाबालिग किशोरी ने उदयपुर स्थित जनाना वार्ड, महाराणा भूपाल चिकित्सालय उदयपुर में नाथद्वारा थाने की महिला पुलिसकर्मी को बयान दिए थे. इसमें पीड़िता ने बताया था कि वह कोलकाता की रहने वाली है. जब वह उसकी मां के पेट में थी, उसके पिता की मृत्यु हो गई. इसके बाद उसकी मां ने अहमदाबाद में मजदूरी के दौरान साथ में काम करने वाले एक व्यक्ति से शादी कर ली. तब से वह अपनी मां व सौतेले पिता के साथ ही रह रही थी.

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पीड़िता ने मां को बताई पूरी कहानी : लोक अभियोजक ने बताया कि पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसके सौतेले पिता ने कई बार उसके साथ बलात्कार किया. पिता ने उसे डराया व धमकाया कि बलात्कार की बात अगर उसकी मां को बताई, तो वह वह उसकी मां को मार देगा. इसी दौरान एक बार उसके पेट में काफी दर्द हुआ. इस पर उसके माता- पिता के साथ उसे 14 जून 2022 को नाथद्वारा के गोवर्धन राजकीय चिकित्सालय में ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे 5 माह का गर्भवती पाया.

लोक अभियोजक ने बताया कि इसके बाद पीड़िता ने पूरी बात अपनी मां से बताई और पीड़िता कि मां ने पुलिस को सूचना दी. सूचना पर नाथद्वारा थाने से पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़िता के बयान पंजीबद्ध करते हुए पॉक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज किया गया. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़िता का मेडिकल कराया और न्यायालय में बयान के बाद पीड़िता के सौतेले पिता को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने जांच करने के बाद पॉक्सो न्यायालय राजसमंद में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिया.

22 गवाह और 43 साक्ष्य बने सजा का आधार :पॉक्सो न्यायालय में सरकार व पीड़िता की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 22 गवाह तथा 43 दस्तावेज साक्ष्य प्रस्तुत किए. इस तरह आरोपी को पॉक्सो एक्ट व दुष्कर्म के आरोप में मृत्यु होने तक कठोर आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया. इसके अलावा 80 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. लोक अभियोजक ने बताया कि पीड़िता 13 साल की थी और वह शारीरिक रूप से परिपक्व नहीं थी कि उसके पेट में बच्चा पल सके. इसलिए न्यायालय के आदेश पर पीड़ित बालिका का गर्भपात कराया गया था.

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