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कमलेश पर अब कसेगा ईडी का शिकंजा, सैंकड़ों एकड़ जमीन की हेराफेरी में था शामिल, सोमवार को रिमांड पर सुनवाई - Land mafia Kamlesh - LAND MAFIA KAMLESH

Land mafia Kamlesh. जमीन माफिया कमलेश पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है. सैकड़ों एकड़ जमीन की हेराफेरी मामले में कमलेश शामिल था. गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उसे कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने फिलहाल कमलेश को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

Land mafia Kamlesh
जमीन माफिया कमलेश (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 27, 2024, 8:17 PM IST

रांची:प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से जमीन घोटाले के एक से बढ़कर एक चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. पूछताछ के दौरान 26 जुलाई को गिरफ्तार कमलेश कुमार को ईडी ने शनिवार को पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश किया. इस दौरान उन्होंने पूछताछ के लिए रिमांड पर देने का आग्रह किया. कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कर भेज दिया है. सोमवार को रिमांड पर सुनवाई होगी. सूत्रों से पता चला है कि कमलेश ने फर्जी कागजात के जरिए 200 एकड़ से ज्यादा जमीन की हेराफेरी की है. इस दौरान बड़े स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग हुई है.

33 साल की उम्र में 200 एकड़ जमीन का खेल

कमलेश की उम्र महज 33 साल है. उसके पिता का नाम किरण प्रसाद हैं. वह मूल रूप से बिहार के छपरा जिले का रहने वाला है. उसके गांव का नाम हसनपुर है जो शीतलपुर थाना क्षेत्र में पड़ता है. इस शख्स ने फोटो जर्नलिस्ट के रूप में रांची आकर अपने करियर की शुरुआत की थी. लेकिन कुछ वर्षों के भीतर ही जमीन माफिया बन गया. इसके खिलाफ पहली प्राथमिक कांके थाना में 27 नवंबर 2020 को दर्ज हुई थी. यह प्राथमिकी कांके अंचल के रेवेन्यू सब इंस्पेक्टर रंजीत कुमार ने दर्ज कराई थी. क्योंकि कमलेश ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय समेत कई दूसरी भुईंहरी प्लॉट से मिट्टी काटकर जुमार नदी के एक हिस्से को भरवा रहा था.

दूसरी प्राथमिकी 10 दिसंबर 2022 को हुई दर्ज

इसके खिलाफ दूसरी प्राथमिकी 10 दिसंबर 2022 को गोंदा थाना में दर्ज हुई. इसने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर एक शख्स को कांके में 5 डिसमिल जमीन बेची थी. इसके बदले 24 लख रुपए वसूले थे, जब खरीददार ने जांच की तो वह जमीन आदिवासी की निकली.

कमलेश के खिलाफ तीसरी प्राथमिकी

कमलेश के खिलाफ तीसरी प्राथमिकी 4 अप्रैल 2024 को कांके थाना में दर्ज हुई. यह प्राथमिक संजय साहू नाम के शख्स ने दर्ज करवाई. संजय का आरोप था कि कांके में बुकरू स्थित खाता नंबर 89, प्लॉट नंबर 972 की 96 एकड़ जमीन और खाता नंबर 46, प्लॉट नंबर 996 की 37 एकड़ जमीन पर कमलेश बाउंड्री कर रहा था, जबकि यह जमीन दूसरे लोगों की थी.

चौथी प्राथमिकी कब हुई दर्ज

इसके खिलाफ चौथी प्राथमिक 21 जून 2024 को गोंदा थाना में दर्ज हुई. क्योंकि ईडी को सर्च के दौरान कांके रोड स्थित एस्टर ग्रीन अपार्टमेंट के ब्लॉक सी, 603 नंबर फ्लैट से 100 कारतूस बरामद हुए थे. इस फ्लैट को कमलेश ने रेंट पर ले रखा था. उसपर आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाई गई.

सबसे खास बात है कि 21 जून को कांके और चेशायर होम रोड स्थित कमलेश के ठिकानों पर ईडी जब जांच कर रही थी तो उसी दिन कांके अंचल के सीईओ ने 20 डीड की ऑनलाइन जमाबंदी को डिलीट कर दिया था. इसका खुलासा तब हुआ, जब ईडी ने 10 जुलाई 2024 को कांके सीईओ ऑफिस और प्रोजेक्ट भवन स्थित प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट में सर्वे किया. ईडी ने आईसी के सर्वर से डिलीट किए रिकॉर्ड को रिकवर किया तो अधिकारियों के होश उड़ गए. जांच में करीब 140 एकड़ से ज्यादा जमीन को फर्जी डिटेल ऑनलाइन चढ़ाया गया था. यह पूरा खेल कमलेश कुमार की मिलीभगत से सीओ ऑफिस में चल रहा था. ईडी सूत्रों के मुताबिक कमलेश के रिमांड पर सोमवार को सुनवाई होगी. उससे पूछताछ के दौरान कई बड़े सफेदपोश के जांच की जद में आने की संभावना है.

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