जयपुर.राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटों पर क्लीन स्वीप कर पाना इस बार भाजपा के लिए आसान नहीं दिख रहा है. कई संसदीय क्षेत्रों में इंडिया गठबंधन और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है तो एक सीट पर निर्दलीय ने टेंशन बढ़ा रखी है. प्रदेश की आधा दर्जन से ज्यादा सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा का सियासी गणित बिगड़ा नजर आ रहा है. नागौर, बांसवाड़ा और सीकर में कांग्रेस ने गठबंधन करके इस मुकाबले को और भी दिलचस्प बना दिया है तो बाड़मेर में निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र भाटी ने चुनौती पेश की है. इतना ही नहीं चूरू में राहुल कस्वा के कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने से भी भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई है.
इसी तरह से शेखावाटी और पूर्वी राजस्थान में बीते विधानसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन से भी भाजपा के लिए झुंझुनू और दौसा सीट पर जीत की डगर आसान नहीं दिख रही है. इसलिए इन सभी कमजोर सीटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मोर्चा संभाला है. यही वजह है कि पीएम मोदी पिछले 10 दिनों में 5 बार राजस्थान के दौरे पर आ चुके हैं. मोदी ने 7 जनसभा और रोड शो के जरिए कमजोर सीटों को मजबूती करने में जुटे हैं.
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2 अप्रैल को पीएम ने किया था पहला दौरा :राज्य की कई सीटों पर इस बार कांटे की टक्कर है. इस घमासान में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने और कमजोर सीटों को मजबूती देने के लिए पीएम मोदी ने सबसे पहले 2 अप्रैल को जयपुर ग्रामीण लोकसभा के कोटपूतली से चुनावी शंखनाद किया था. कोटपूतली में सभा के जरिए पीएम मोदी ने झुंझुनू और अलवर सीट को साधने की कोशिश की थी. इस सभा से पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बना कर न केवल इंडिया गठबंधन को निशाने पर लिया, बल्कि राम मंदिर और धारा 370 की बात कर 400 पार का नारा दिया.
5 अप्रैल को चूरू में दूसरा दौरा : भाजपा ने पीएम मोदी की पहली सभा के साथ ही शेखावाटी पर नजर जमा ली थी. यही वजह थी कि पीएम मोदी की अगली सभा 5 अप्रैल को चूरू में रखी गई. चूरू के साथ भाजपा ने सीकर और झुंझुनू सीट को मोदी की सभा के जरिए साधने की कोशिश की. बता दें कि चूरू में भाजपा कोई ज्यादा मजबूत स्थिति में नहीं दिख रही है, क्योंकि भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद राहुल कस्वा का टिकट काट कर पैरा ओलंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया को मैदान में उतारा है. टिकट कटने से नाराज कस्वा ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया. जाट बाहुल्य इस सीट से कस्वा के टिकट कटने से जाट समाज में नाराजगी भी देखी जा रही है. ऐसे में भाजपा भी इस सीट को चुनौती के रूप में ले रही है और पूरी रणनीति के साथ पीएम मोदी खुद यहां कमान संभाले हुए हैं.
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6 अप्रैल को पुष्कर में तीसरा दौरा :चूरू में जनसभा को संबोधित करने के बाद अगले दिन पीएम मोदी ने 6 अप्रैल को पुष्कर में जनसभा की. यहां से मोदी नागौर लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के साथ अजमेर प्रत्याशी भागीरथ चौधरी के समर्थन में वोट मांगते नजर आए. हालांकि, पहले ये सभा नागौर में होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों ऐन वक्त पर स्थान परिवर्तित किया गया. नागौर में इस बार भाजपा के लिए जीत की राह आसान नहीं दिख रही है. पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा RLP के साथ गठबंधन कर हनुमान बेनीवाल को समर्थन दिया था. इस बार कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल के लिए सीट छोड़ दी, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि पिछले चुनाव में हनुमान बेनीवाल का मुकाबला ज्योति मिर्धा से था और तब ज्योति मिर्धा कांग्रेस प्रत्याशी थी और इस बार वो भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं. बता दें कि जाट नेता के रूप में बेनीवाल की नागौर में अच्छी पकड़ मानी जाती है और वो खींवसर से विधायक भी हैं.
11 अप्रैल को करौली-धौलपुर में चौथा दौरा :पीएम मोदी 11 अप्रैल को करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर चुनावी सभा की. करौली सीट से भाजपा की इंदु देवी जाटव मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस ने भजनलाल जाटव उम्मीदवार बनाया है. पीएम मोदी की रैली से जहां इंद्रदेव जाटव को फायदा मिला. इसके साथ ही भाजपा ने मोदी की सभा के जरिए विधानसभा में कमजोर प्रदर्शन में रहे पूर्वी राजस्थान को मजबूत करने की कोशिश की. करौली-धौलपुर लोकसभा सीट में आठ विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से कांग्रेस के पास 5 तो भाजपा के पास मात्र 2 सीटें हैं, जबकि एक सीट बसपा के कब्जे में हैं. मोदी ने इस सभा के जरिए भाजपा को पूर्वी राजस्थान के कमजोर दौसा सीट पर मजबूत करने की कोशिश की.
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12 अप्रैल को बाड़मेर व दौसा में 5वां दौरा :12 अप्रैल को पीएम मोदी का पांचवां दौरा कई मायने में खास रहा, क्योंकि मोदी ने एक ही दिन में उन दोनों सीटों पर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की, जहां भाजपा की स्थिति कुछ ठीक नहीं लग रही है. पीएम मोदी पहले बाड़मेर में चुनावी जनसभा को संबोधित किए. बाड़मेर-जैसलमेर सीट भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि इस सीट पर भाजपा समर्थित निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी चुनावी मैदान में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी उतर गए हैं. भाटी के नामांकन और हर चुनावी सभा में जिस तरह से भीड़ जुट रही है. उससे भाजपा और कांग्रेस दोनों की नींद उड़ हुई है.
यही वजह है कि दिग्गज नेताओं की फौज यहां लगा दी गई है और पीएम मोदी ने भी जनसभा कर कैलाश चौधरी के लिए वोट मांगे. इसके बाद पीएम मोदी दौसा में रोड शो किए. दौसा लोकसभा सीट से भाजपा ने कन्हैया लाल मीणा को मैदान में उतारा हैं, जबकि कांग्रेस से मुरारी लाल मीणा रण में हैं. बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में मीणा समाज खास कर किरोड़ी लाल मीणा को सम्मानजनक पद नहीं मिलने से नाराज है. अंदर खाने चर्चा है कि किरोड़ी लाल मीणा भी उनके भाई को टिकट नहीं मिलने से ज्यादा नाराज हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा के लिए यहां जीत की राह आसान नहीं है.