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पीएम मोदी-सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट UP में बेपटरी, कौशल विकास के लिए ट्रेनिंग सेंटरों को नहीं मिला टारगेट

सत्र 2024-25 के लिए प्रशिक्षणदाताओं को अभी तक लक्ष्य न मिलने से निराशा

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

सेंटरों को लक्ष्य न मिलने से ट्रेनर परेशान हैं.
सेंटरों को लक्ष्य न मिलने से ट्रेनर परेशान हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

लखनऊः उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन इस वर्ष 2677 ट्रेंनिंग सेंटर्स को लक्ष्य निर्धारित करने में पीछे चल रहा है. जो प्रक्रिया मार्च व अप्रैल महीने में पूरी हो जानी चाहिए थी वह अक्टूबर में अभी तक शुरू भी नहीं हो पाई है. लगभग ढाई हजार प्रशिक्षण केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है. लाखों युवा तकनीकी प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार करने को लालायित हैं लेकिन उन्हें अवसर नहीं मिल पा रहा है. स्टार्टअप और ट्रेनिंग पार्टनर्स को भविष्य की चिंता सताने लगी है. कुल मिलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट कौशल विकास मिशन यूपी में बेपटरी हो रहा है.

प्रशिक्षणदाताओं के सामने बेरोजगारी का संकट :मौजूदा स्थिति यह है कि साल 2024-25 में 01 अप्रैल से शुरू हुए सत्र में एक भी नई ट्रेनिंग शुरू नहीं हुई. ऐसे में प्रदेश के 2,677 ट्रेनिंग सेंटर के संचालकों में निराशा में हैं. वहीं सत्र 2022-23 में इन्हीं ट्रेनिंग सेंटर की संख्या 2,276 थी. इसमें 2023-24 में 400 को बढ़ोत्तरी हो गई थी. आईटीआई और पॉलिटेक्निक सेंटर को छोड़ ऐसे निजी प्रशिक्षण केंद्र जो किराए पर हैं, उनके सामने आर्थिक संकट है. यही नहीं, दस लाख रुपये की एफडी जमाकर न्यू स्टार्टअप पॉलिसी के तहत काम पाने वाले सैकड़ों प्रशिक्षणदाताओं के सामने अब बेरोजगारी का संकट खड़ा होने वाला है.

टेंशन में स्टार्टअप और ट्रेनिंग पार्टनर्स. (Photo Credit; ETV Bharat)

इस बार नहीं मिल पाया लक्ष्य :अधिकांश प्रशिक्षणदाता ऐसे हैं, जिन्होंने बैंकों से कर्ज लेकर 10 लाख की एफडी मिशन में जमा की है. हालांकि 2022-23 और 2023-24 के सत्र उपलब्धि वाले रहे. उन सत्रों में क्रमशः 3.48 लाख पंजीकृत युवाओं में से 1.55 ने ट्रेनिंग ली और 97,286 को अलग-अलग क्षेत्रों में नियुक्ति भी मिल गई. इसके बाद 3.49 लाख युवाओं ने ट्रेनिंग हासिल करने को पंजीकरण कराया. इनमें से 2.23 ने प्रशिक्षण पूरा किया और 1.30 को रोजगार भी मिला. वित्तीय वर्ष 23-24 के लिए प्रशिक्षणदाताओं को लक्ष्य फरवरी 2022 में ही दे दिया गया था. इससे प्रशिक्षणदाताओं को तैयारी के लिए पर्याप्त समय भी मिल गया था और जिन लोगों ने किराए आदि पर प्रशिक्षण केंद्र बनाएं है, उन्हें भी पर्याप्त समय मिल गया था. यह बताते हैं कि इस बार अभी तक किसी भी प्रशिक्षणदाता को लक्ष्य नहीं दिया गया है.

कौशल विकास मिशन के यूपी निदेशक अभिषेक सिंह ने बताया कि इस सत्र का अभी हमें टारगेट नहीं मिला है, टारगेट मिलते ही ट्रेनिंग शुरू कर दी जाएगी. बजट विभाग को मिल चुका है. अगले माह से संभवतः प्रशिक्षण कार्यक्रमों को शुरू किया जाएगा.

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