छत्तीसगढ़ के वन महोत्सव में मियावाकी मेथड की धूम, जानिए कैसे इस तकनीक से तैयार होता है जंगल ? - Plantation by Miyawaki method
एमसीबी वन महोत्सव में वन विभाग की ओर से मियावाकी पद्धति से पौधारोपण किया गया. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने भी पौधारोपण किया. साथ ही इस पद्धति की सराहना की.
एमसीबी वन महोत्सव में मियावाकी पद्धति (ETV Bharat)
वन महोत्सव में मियावाकी पद्धति से किया गया पौधारोपण (ETV Bharat)
मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर:जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ के कलेक्टर परिसर में जिला स्तरीय वन विभाग की ओर से वनमहोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान मियावाकी पद्धति से वृक्षारोपण कराया गया. इसके लिए करीब 25 सौ विभिन्न प्रजाति के मिश्रित पौधे लगाए गए. छत्तीसगढ़ के हेल्थ मिनिस्टर श्याम बिहारी जायसवाल भी इस वन महोत्सव में शामिल हुए. उन्होंने प्लांटेशन की इस तकनीक से पौधारोपण किया.
मियावाकी पद्धति से किया गया वृक्षारोपण: वन महोत्सव कार्यक्रम के बाद वन विभाग के मुख्य मंडल अधिकारी मनीष कश्यप ने मियावाकी पद्धति से जुड़ी कई जानकारियां दी. उन्होंने कहा कि, "आज हमने मियावाकी पद्धति से पौधारोपण किया. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल हुए और पौधारोपण किए. वन महोत्सव के दौरान करीब 3000 पौधे लगाए गए. जब ये पौधा पेड़ बनेगा, तब लोगों को इससे फायदा मिलेगा. इसमें कई तरह के नियम और तकनीक से पौधे लगाए जाते हैं. अधिकांश पौधों को लगाने से आने वाले समय में हमें स्वच्छ पर्यावरण का लाभ मिलेगा."
"प्रकृति को शुद्ध रखने में वृक्ष का अहम योगदान होता है. वृक्ष है तो अन्न है, इसलिए हर व्यक्ति को वृक्ष लगाने के लिए अपने-अपने स्तर पर काम करना चाहिए."-श्याम बिहारी जायसवाल,स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़
लोगों से की वृक्षारोपण की अपील: इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने महतारी बंधन योजनाओं के हितग्राही महिलाओं को वृक्ष भेंट किया. साथ ही "एक वृक्ष मां के नाम" लगाने का लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी से अपील की. वन विभाग की ओर से एमसीबी में पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए नई तकनीकी से वृक्षारोपण करने की शुरुआत की गई है.
जानिए क्या है मियावाकी मेथड: मियावाकी तकनीक एक छोटी सी जगह में जंगल उगाने का बेहतरीन तरीका है. मियावाकी जंगल को खास प्रक्रिया के जरिए उगाया जाता है जिससे ये हमेशा हरा भरा रहे. जंगल उगाने के इस खास तरीके को जापान के बॉटेनिस्ट अकीरा मियावाकी ने खोजा था. इस तकनीक से पौधे लगाने के लिए सबसे पहले उस जगह की आबो हवा के अनुसार पौधों को चुनाव किया जाता है. मिट्टी के हिसाब से बीज या फिर पौधा लगाकर जंगल उगाया जाता है.