देहरादून: उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में बड़े बदलाव के समीकरण दिखाई दे रहे हैं. दरअसल जिलों से लेकर शासन और मुख्यमंत्री सेटअप तक में कुछ खास नामों पर विचार होने जा रहा है. उधर दूसरी तरफ राज्य के कई आईएएस और पीसीएस अधिकारी भी इस साल सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं. हालांकि ऐसे कुछ अधिकारियों की सेकंड इनिंग के लिए भी विकल्प मौजूद है. जिनका फायदा सेवानिवृत्त अफसरों को मिलेगा.
उत्तराखंड में साल 2025 की शुरुआत के साथ नौकरशाही में भी विभिन्न पदों पर बदलाव की तैयारी शुरू कर दी गई है. हालांकि राज्य में निकाय चुनाव के अलावा राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के चलते सरकार जनवरी महीने में अब तक कुछ खास होमवर्क पूरा नहीं कर पाई है. लेकिन आने वाले दिनों में चतुर्थ तल से लेकर शासन और जिला स्तर तक में भी बदलाव का खाका तैयार होने जा रहा है. इसमें जिला स्तर पर होने वाले बदलाव के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय में नई रणनीति के तहत विभिन्न नाम पर विचार होना सबसे अहम होगा.
प्रदेश में साल 2025 में राज्य को नया मुख्य सचिव भी मिलने जा रहा है. दरअसल मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को मिला 6 महीने का सेवा विस्तार इसी साल मार्च महीने में खत्म हो रहा है. हालांकि राधा रतूड़ी मार्च 2024 में ही सेवानिवृत्त हो रही थी, लेकिन उन्हें 6-6 महीने का दो बार सेवा विस्तार दिया गया है. ऐसे में अब तीसरे सेवा विस्तार को संभावना कम है. राधा रतूड़ी के बाद अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के मुख्य सचिव बनने की उम्मीद है, क्योंकि नौकरशाही में आनंद वर्धन ही सबसे सीनियर और सुलझे हुए अधिकारी हैं. वो बात अलग है कि कुछ दूसरे अफसर भी मुख्य सचिव बनने की उम्मीद पाले हुए हैं.
सेवानिवृत्त होने वालों में इस साल आईएएस हरिश्चंद्र सेमवाल भी है, हरिश्चंद्र सेमवाल मई महीने में रिटायर होने जा रहे हैं. इसके अलावा पीसीएस अधिकारी वीर सिंह बुदियाल जून में रिटायर हो रहे हैं. बुदियाल को हाल ही में शासन में अपर सचिव की जिम्मेदारी मिली थी.जून महीने में रिटायर होने वालों में पीसीएस श्रीश कुमार और राम दत्त पालीवाल का नाम शामिल है. उधर अगस्त में भी पीसीएस अफसर मोहम्मद नासिर और भरत लाल फिरमाल रिटायर हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की व्यस्तता कम होते ही चतुर्थ तल से लेकर शासन और जिला स्तर तक भी कुछ बदलाव होने जा रहे हैं. खबर है कि सीएम धामी के पुराने भरोसेमंद अफसर की सीएम सेटअप में वापसी हो सकती है. शासन में भी जिम्मेदारियां में हल्का बदलाव संभव है. उधर जिलों में बदलाव की स्थिति दिखाई दे रही है देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल सचिव स्तर पर पहुंच चुके हैं. जाहिर है उन्हें डीएम के तौर पर ज्यादा समय नहीं मिल पाएगा. इसके अलावा भी पहाड़ के एक जिले के साथ कुमाऊं के एक अहम जिले में बदलाव की उम्मीद है. जिले में बदलाव के बाद बाकी जिलों में भी इसका बदलाव के रूप में असर दिखाई देगा. हालांकि शासन में अपर सचिव स्तर पर कुछ अधिकारी भी जिलों का रुख करना चाहते हैं.
हाल ही में कुछ आईएएस अधिकारियों को सचिव स्तर पर प्रमोशन दिया गया था, ऐसे में इनमें से भी कुछ अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव की आशंका लगाई जा रही है. शासन में आईएएस विनोद रतूड़ी के सेवानिवृत होने के बाद से ही सचिव भाषा के तौर पर किसी को जिम्मेदार नहीं मिल पाई है.इसी तरह कुछ जिलों में भी एडीएम और एसडीएम स्तर पर भी कामचलाऊ व्यवस्था चल रही है.
प्रदेश में नौकरशाही को लेकर होने जा रहे बदलाव के बीच ऐसे अफसर को भी एडजस्ट किया जाएगा, जो सेवानिवृत्ति हुए हैं या होने वाले हैं. सूचना आयोग में पहले ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, देहरादून एसएसपी रहे सेवानिवृत आईपीएस दलीप सिंह मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त पद पर आवेदन कर चुके हैं. उधर राजस्व परिषद में सदस्य के तौर पर भी किसी सेवानिवृत अधिकारी को जिम्मेदारी मिल सकती है. वैसे हाल ही में उधम सिंह नगर जिले में जिलाधिकारी के तौर पर 3 महीने का सेवा विस्तार लेने वाले आईएएस अफसर उदय राज भी पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
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