वाराणसी :श्री काशी विश्वनाथ मंदिर सामाजिक कार्यों में लगातार प्रयास कर रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर की बढ़ रही इनकम के जरिये संस्कृत के उत्थान के प्रयासों पर काम शुरू किया. विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से बनारस के संस्कृत विद्यालयों को एक तरह से आर्थिक सहायता करते हुए गोद लेने की कवायद शुरू की गई है. जिसके तहत संस्कृत विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को तमाम सुविधाएं विश्वनाथ मंदिर मुहैया करवा रहा है, ताकि संस्कृत के पठन-पाठन में किसी तरह की दिक्कत ना आए और संस्कृति को मजबूत आधार बनाकर विद्यार्थी जीवन में आगे बढ़ सकें.
काशी विश्वनाथ न्यास तैयार कर रहा पूरा प्लान :दरअसल, वाराणसी में आज भी सैकड़ों की संख्या में संस्कृत विद्यालयों का संचालन किया जाता है. डॉ. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से अटैच संस्कृत विद्यालय गली गली में संचालित होते हैं. ऐसे में इन संस्कृत विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को मजबूत आधार देकर संस्कृत को और भी मजबूती प्रदान करने का काम विश्वनाथ मंदिर न्यास कर रहा है. विश्वनाथ मंदिर की तरफ से ऐसे विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों की आर्थिक मदद की जा रही है जो संस्कृत पठन-पाठन में रुचि तो रखते हैं, लेकिन कहीं ना कहीं से किताबें कपड़े और अन्य चीज खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं ऐसे छात्रों की मदद के लिए काशी विश्वनाथ न्यास पूरा प्लान तैयार कर रहा है. इस बारे में कमिश्नर कौशल राज शर्मा का कहना है कि विश्वनाथ मंदिर की तरफ से संस्कृत विद्यालयों की पूरी आर्थिक मदद की जाएगी. विद्यालयों को पठन-पाठन के लिए किताबें कॉपी और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कुर्सी टेबल इत्यादि सारी चीज उपलब्ध करवाने का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा.
संस्कृत की शिक्षा दीक्षा को आगे बढ़ाने का प्रयास :उन्होंने बताया कि इसके अलावा संस्कृत विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप सुविधा की भी शुरुआत करने की तैयारी है. भोजन के साथ अन्य सुविधाएं भी संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से उपलब्ध होगी. इसके लिए पूरा प्लान तैयार हो रहा है. माना जा रहा है कि आने वाले दो-तीन महीने में नए सत्र से यह सारी सुविधाएं संस्कृत विद्यार्थियों के लिए न्यास की तरफ से उपलब्ध करवाई जाएगी. अभी विश्वनाथ मंदिर संस्कृत के छात्रों को किताबें और कपड़े देने के साथ ही संस्कृत की अध्यापिकाओं और अध्यापकों को भी वस्त्र प्रदान कर रहा है. संस्कृत के अध्यापकों के लिए कुर्ता धोती और अध्यापिकाओं के लिए साड़ी का प्रबंध न्यास की तरफ से किया जा रहा है, ताकि भारतीय संस्कृति के अनुकूल माहौल के साथ संस्कृत की शिक्षा दीक्षा को आगे बढ़ाया जा सके. वहीं, न्यास की तरफ से किया जा रहे इस प्रयास से विद्यार्थी भी बेहद खुश हैं. संस्कृत की छात्राओं का कहना है कि इससे हमें पठन-पाठन के साथ संगीत की दिशा में भी काम करने का मन कर रहा है. संगीत के लिए तमाम इंस्ट्रूमेंट भी विश्वनाथ मंदिर की तरफ से उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.