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OBC को गोलबंद करने में जुटा पिछड़ा वर्ग एकता अधिकार मंच, 10 मार्च को बुलाया रांची में महासम्मेलन - OBC Mahasammelan in Ranchi

Backward Classes Mahasammelan in Ranchi. चुनावी मौसम में हर वर्ग अपने लिए अधिक से अधिक हिस्सेदारी और भागीदारी सुनिश्चित करने की कोशिश में रहता है. इसी तरह लोकसभा चुनाव को देखते हुए झारखंड में पिछड़ा वर्ग एकजुट होने की कोशिश कर रहा है. इसे लेकर 10 मार्च को रांची में महासम्मेलन का आयोजन किया गया है.

Backward Classes Mahasammelan in Ranchi
Backward Classes Mahasammelan in Ranchi

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 8, 2024, 7:57 PM IST

OBC को गोलबंद करने में जुटा पिछड़ा वर्ग एकता अधिकार मंच

रांची: लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच झारखंड के ओबीसी समाज ने उन्हीं दलों को समर्थन देने की धमकी दी है जो अपने चुनाव घोषणा पत्र में ओबीसी समाज से जुड़ी बातों को रखने का काम करेगा. पिछड़ा वर्ग एकता अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद ने यह बात कहते हुए कहा कि झारखंड में ओबीसी समाज की आबादी 60% से अधिक है इसके बावजूद राज्य में सामाजिक आर्थिक आधार पर मात्र 14 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू है जो उचित नहीं है. उन्होंने राज्य में जाति आधार पर जनगणना कर जनसंख्या के अनुपात में पिछड़ा वर्ग के पुरुष एवं महिलाओं को राजनीतिक हिस्सेदारी और भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग की है.

हरमू मैदान में 10 मार्च को होगा ओबीसी समाज का सम्मेलन

पिछड़ा वर्ग एकता अधिकार मंच की ओर से हरमू मैदान में 10 मार्च को ओबीसी समाज का छोटानागपुर प्रमंडलीय महासम्मेलन होगा जिसमें पिछड़ा वर्ग की 11 सूत्री मांग को पूरा करने वाले दलों को समर्थन देने पर विचार किया जाएगा. 11 फरवरी को पलामू प्रमंडल में हुए सम्मेलन के बाद ओबीसी समाज का यह दूसरा प्रमंडलीय सम्मेलन होगा.

पिछड़ा वर्ग एकता अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद ने सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में ओबीसी की बड़ी आबादी है इसके बावजूद सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों में हमारी भागीदारी नहीं हो पा रही है. हमारी मांग है कि जनसंख्या के हिसाब से सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में 52% आरक्षण की व्यवस्था हो. इसके अलावे पिछड़ा वर्ग के व्यापारियों एवं बेरोजगारों को स्वावलंबी बनाने हेतु ब्याज मुक्त 10 लाख रुपए का ऋण उपलब्ध कराया जाए.

इस मौके पर दलित अधिकार सुरक्षा मंच के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि झारखंड में पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन हुआ है. मगर कई ऐसी जातियां हैं जो पिछड़ा वर्ग में शामिल ही नहीं हुई हैं. ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि इन जातियों को भी पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार के बजट में पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए कम से कम 30% राशि सुनिश्चित करना चाहिए. जिसे शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग का उत्थान हो सके.

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