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AMU वीसी चयन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती, विपक्षी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब - HIGH COURT

कुलपति के चयन में कार्यवाहक मोहम्मद गुलरेज़ की पत्नी नईमा खातून का नाम शॉर्टलिस्ट करने का मामला

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 23, 2024, 10:35 PM IST

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के कुलपति के चयन में कार्यवाहक वीसी की पत्नी का नाम शॉर्टलिस्ट में होने के बाद चयन प्रक्रिया की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर विपक्षियों को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही चार सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है. कोर्ट ने प्रो. मुजफ्फर उर्ज रब्बानी की याचिका को डॉ. मुजाहिद बेग व सैयद अफजल मुर्तजा रिजवी की विचाराधीन याचिका के साथ सुनवाई के लिए पेश करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने मुजफ्फर उर्ज रब्बानी व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. एक याचिका जामिया मिलिया इस्लामिया में कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रो. सैयद अफजल मुर्तजा रिजवी ने दाखिल की थी. जिसे एक अन्य पीठ ने नये सिरे से बेहतर याचिका दाखिल करने की छूट देते हुए खारिज कर दिया था. इसके बाद उनकी याचिका विचाराधीन है.

याची का कहना है कि पिछले सप्ताह एएमयू कार्यकारिणी परिषद की बैठक में कुलपति पद के लिए अंतिम तीन उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया, जिसमें कार्यवाहक कुलपति की पत्नी भी शामिल है. कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद गुलरेज़ की पत्नी नईमा खातून एएमयू के महिला कॉलेज की प्रिंसिपल हैं. उन्हें एएमयू कोर्ट शासी निकाय के सदस्यों के 50 वोट मिले हैं. अन्य दो शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों एम उरुज रब्बानी (एएमयू के मेडिसिन संकाय के पूर्व डीन) को 61 और फैजान मुस्तफा (प्रसिद्ध न्यायविद व नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नलसर के पूर्व वीसी) को 53 वोट मिले.

मो. गुलरेर की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की कार्यकारणी परिषद की बैठक में एएमयू कोर्ट में भेजने के लिए पांच उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया गया. सोमवार को शासी निकाय ने फुरकान कमर (राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी व हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले वीसी) और कय्यूम हुसैन (क्लस्टर यूनिवर्सिटी श्रीनगर के वीसी) के नाम हटाकर सूची को तीन कर दिया. कार्यवाहक वीसी की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा नईमा खातून का नाम शॉर्टलिस्ट किए जाने से हितों के टकराव का सवाल खड़ा हो गया है. नामों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए एक बैठक में भाग लेने वाले एएमयू गवर्निंग बॉडी के आठ सदस्यों ने भी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए एक मजबूत असहमति नोट प्रस्तुत किया है.

वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने बताया कि इस संस्थान के अधिनियम और क़ानून में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो कुलपति को उस बैठक की अध्यक्षता करने या मतदान से रोकता है जिसमें उनकी पत्नी चयन के लिए उम्मीदवारों में से एक है. उन्होंने बताया कि वीसी पद के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए तीन नामों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा जाएगा, जो विश्वविद्यालय की विजिटर हैं. वह एएमयू के वीसी पद के लिए किसी एक नाम का चयन करेंगी. यदि कार्यवाहक वीसी की पत्नी के नाम का चयन किया गया तो नियुक्त होने पर नईमा खातून एएमयू की कुलपति बनने वाली पहली महिला होंगी. याचिका में कुलपति की नियुक्ति में मनमानी व व्यापक अनियमितता बरतने का आरोप भी लगाया गया है.

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