लातेहार: झारखंड विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. अपने-अपने मुद्दों को लेकर प्रत्याशी जनता को लुभाने के जुगाड़ में लग गए हैं. इधर चुनाव की घोषणा के साथ ही लोकतंत्र के इस महापर्व के सबसे प्रमुख कड़ी आम जनता भी अपने मुद्दों को लेकर मुखर हो गई है. लातेहार जिले में बरसों से चली आ रही शिक्षा और रोजगार ही लोगों का प्रमुख मुद्दा है.
दरअसल लातेहार विधानसभा क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से स्थानीय लोगों के द्वारा सरकारी डिग्री कॉलेज और रोजगार के लिए उद्योग धंधे की स्थापना की मांग की जाती रही है. चुनाव के समय इन मुद्दों को लेकर विभिन्न दलों के प्रत्याशियों के द्वारा आश्वासन भी दिया जाता है कि यहां शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के लिए बेहतर साधन की भी व्यवस्था कराई जाएगी. परंतु दुर्भाग्य है कि आज तक लातेहार जिले में रोजगार के लिए एक भी उद्योग धंधों की स्थापना नहीं की गई है.
लातेहार जिला मुख्यालय में एक भी सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है, जहां जाकर यहां के बच्चे उसे शिक्षा हासिल कर सकें. इसके अलावा राज्य के अन्य विधानसभा क्षेत्र की तरह ही लातेहार में भी भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. सरकार के द्वारा भ्रष्टाचार पर नियंत्रण को लेकर किसी प्रकार की कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने के कारण लोगों में नाराजगी है. आने वाले विधानसभा चुनाव में स्थानीय लोग भ्रष्टाचार को भी एक बड़ा मुद्दा मान रहे हैं.
कोलियरी खुले पर स्थानीय लोगों के लिए नहीं हुआ रोजगार का सृजन
लातेहार विधानसभा क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों के अंतराल में कोलियरी तो खोले गए हैं, लेकिन इसका लाभ स्थानीय लोगों को बिल्कुल भी नहीं हुआ है. कोयला का मुनाफा बड़े व्यवसायी और कोयला माफिया उठा रहे हैं. स्थानीय लोगों के हिस्से में सिर्फ धूल और बीमारी आई है. इस गंभीर मुद्दे पर भी सरकार के द्वारा कोई सकारात्मक प्रयास नहीं किए जाने से लोगों में नाराजगी स्पष्ट दिखाई दे रही है. कोलियरी प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोग सरकार तथा सरकार के नुमाइंदगी करने वाले लोगों से काफी नाराज हैं.
क्या कहते हैं लोग
इधर विधानसभा चुनाव में आम लोगों के मुद्दे के संबंध में जब मतदाताओं से बात की गई तो लातेहार निवासी राजेश कुमार सिंह उर्फ राजू सिंह ने कहा कि लातेहार में ना तो बेहतर शिक्षा के साधन हैं और ना ही यहां कोई रोजगार की व्यवस्था है. अच्छे शिक्षण संस्थान नहीं होने के कारण बच्चों को पढ़ने में काफी दिक्कत होती है. इसके अलावे पुल पुलिया और ग्रामीण सड़क निर्माण विधानसभा चुनाव का प्रमुख मुद्दा होगा.