सिवानःदिवगंत पूर्व सांसदशहाबुद्दीन परिवार एक बार फिर राजद की गयी. 27 अक्टूबर को लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने शहाबुद्दीन की पत्नी हेमा शहाब और बेटे ओसामा को राजद की सदस्यता दिलायी. इसके बाद से राज्य की सियासयत गरम हो गयी है. लोग एक ओर इसे शहाबुद्दीन परिवार की मजबूरी बता रहे हैं तो एक ओर इसे विधानसभा चुनाव के लिए अच्छा बता रहे हैं.
'अब दो-दो तेजस्वी': ईटीवी भारत से बात करते हुए सिवान की जनता ने अपनी प्रतिक्रिया दी. 'राजद में अब दो-दो तेजस्वी', 'शहाबुद्दीन परिवार के लिए राजद में आना मजबूरी', 'शहाबुद्दीन परिवार के आने से राजद मजबूत होगा' सहित कई बातें खुलकर सामने आयी. शहर के मौलेश्वरी चौक निवासी देवेन्द्र गुप्ता पेशे से बीजेपी में मीडिया प्रभारी हैं. इन्होंने तो दोनों परिवार की पोल खोलकर रख दी.
'वोट बैंक की राजनीति': देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि राजद के पास शाहबुद्दीन परिवार ही एक विकल्प है. शहाबुद्दीन परिवार और राजद दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. उन्होंने कहा कि राजद से मुसलमानों का मोह भंग हो चुका है और सामने 4 सीटों पर उप चुनाव होना है. ऐसे में मुसलमानों का वोट बैंक हासिल करने के लिए लालू एवं तेजस्वी यादव ने इन लोगों को मिलाया है.
हेना शहाब की मजबूरीः बताया कि हेना शहाब निर्दलीय चुनाव लड़ी. वोट भी अच्छी खासी उन्होंने प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने राजद ज्वाइन की. इसके पीछे कई कारण हैं. दोनों के पास कोई विकल्प नहीं है. देवेंद्र गुप्ता ने इस मिलन को मजबूरी बताया. उन्होंने कहा कि तेजस्वी और लालू सिर्फ वोट बैंक के पाने के लिए इन लोगों का इस्तेमाल किया है.
"यह मिलन मजबूरी में हुई है. दोनों के पास कोई विकल्प नहीं है. तेजस्वी और लालू सिर्फ वोट बैंक पाने के लिए उन लोगों का इस्तेमाल किया है. पहले लालू यादव ने शहाबुद्दीन इस्तेमाल किया था और अब ओसामा का इस्तेमाल होगा. कोई पद उनलोगों को राजद नहीं देगी."-देवेन्द्र गुप्ता, मीडिया प्रभारी, बीजेपी