चमोली: मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति और बदरीनाथ मास्टर प्लान के प्रभावितों ने बदरीपुरी में सांकेतिक प्रदर्शन कर विरोध दर्ज किया. इस मौके पर भविष्य के आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया. संघर्ष समिति ने मास्टर प्लान से प्रभावित लोगों से मुलाकात की. इस मौके पर स्थानीय लोगों ने अपनी समस्या को समिति के सामने रखा.
मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने मास्टर प्लान के तहत बदरीनाथ में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया. इस मौके पर समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि मूल निवासियों को विश्वास में लिए बगैर बदरीनाथ में निर्माण कार्य चल रहा है. मास्टर प्लान को लागू करने में नियमों की अवहेलना हुई है और मूल निवासियों/हक-हकूक धारियों को अपनी आपत्ति दर्ज करने का मौका नहीं मिला. मास्टर प्लान कैसे लागू हो इसके लिए उत्तराखंड अर्बन एंड कंट्री प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट में व्यवस्था है. इस एक्ट के तीसरे अध्याय में नियमों के मुताबिक पहले ड्राफ्ट मास्टर प्लान को प्रकाशित कर सभी पक्षों को आपत्तियां दर्ज करने का अवसर मिलना चाहिए था, लेकिन सरकार ने बिना अनुमति के ही मकान तोड़ दिये.
संघर्ष समिति के सह संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि भले ही मन्दिर के चारों और 75 मीटर के दायरे में अधिग्रहण हो रहा हो लेकिन 90% लोगों ने इस कार्य के लिए कोई एनओसी नहीं दी है और न उनको कोई मुआवजा मिला है और जब तक उन्हें समुचित मुआवजा नहीं मिलेगा वह निर्माण नहीं चाहते. स्थानीय लोग होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, प्रसाद सामग्री, कपड़ा और बर्तन आदि बेचकर अपनी जीविका चलाते रहे हैं. प्रशासन ने मार्च में बिना कोई नोटिस या समय दिए उनका सब कुछ तोड़कर मिट्टी में मिला दिया. लोगों को विश्वास में लिए कोई भी कार्य होगा तो इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.