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काशी विश्वनाथ के दरबार में मुस्लिम समाज के लोगों ने लगाई हाजिरी, बोले- हिंदुओं को दी जाए ज्ञानवापी - राष्ट्रीय मुस्लिम मंच काशी विश्वनाथ

बाबा विश्वानाथ के दरबार में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों ने दर्शन किए. इस दौरान हर-हर महादेव का जयकारा भी लगाया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 29, 2024, 9:02 PM IST

बाबा विश्वानाथ के दरबार में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों ने दर्शन किए

वाराणसी:ज्ञानवापी को लेकर कोर्ट में भले ही मुकदमा चल रहा हो, लेकिन गुरुवार को बाबा विश्वानाथ के दरबार में हिंदू-मुस्लिम एकता की अद्भुत मिसाल देखने को मिली. बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोग राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के बैनर तले दर्शन करने के लिए पहुंचे. लगभग 350 से ज्यादा के ग्रुप में मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों ने हर-हर महादेव का उद्घोष किया. सभी मंच के सेवा प्रमुख ठाकुर राजा रईस के साथ दर्शन-पूजन के लिए आए थे. इसमें सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर समेत कई अलग-अलग जगहों आए लोग शामिल थे.

बाबा विश्वानाथ के दरबार में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों ने दर्शन किए

राम-कृष्ण हमारे पूर्वज

दर्शन-पूजन के बाद बाहर निकले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सेवा प्रमुख ठाकुर राजा रईस ने कहा कि सत्यम शिवम सुंदरम सनातनी मुसलमानों की सोच है. हम भारतीय सनातनी मुस्लिम हैं. हम सभी आज अपने बाबा अपने पूर्वज के दर्शन करने आए हैं. राजा रईस ने कहा कि कुरान शरीफ में कहा गया है कि 1 लाख 24 हजार नबी इस दुनिया में आए हैं. उसमें राम, शिव और कृष्ण भी हैं. इस तरीके से जो हमारे नबी हैं, उनके हम लोग पूर्वज के रूप में मानकर दर्शन करने आए हैं.

रईस बोले- हमारा डीएनए एक

राजा रईस ने कहा कि जो हमारे पूर्वज थे, वह वर्तमान के बहुसंख्यक समाज के लोग हैं. वह हमारे भाई हैं. हमारे बाबा-दादा एक थे. आज भी डीएनए एक है. कट्टरपंथी मौलाना गलत बयान देते हैं. वह एक अरब और 15 करोड़ लोगों को चुनौती देते हैं. इसलिए भारतीय सनातनी मुसलमान अपने बाबा, अपने पूर्वज के दर्शन करने के लिए जाते हैं. हम भगवान राम का दर्शन भी करने गए थे और आज यहां भी आए हैं.

सनातनियों को दी जाए ज्ञानवापी

राजा रईस ने कहा कि सनातनियों ने तीन मांगें थीं. अयोध्या, काशी और मथुरा मांगी गई लेकिन नहीं दी. यह चीज नहीं है. कहा कि हमने बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया और गंगोत्री के गंगाजल से जलाभिषेक भी किया. तहखाने में भी दर्शन किया. अंदर नहीं गए क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन हमने झांकी दर्शन किया. कहा कि हम मुस्लिम भाइयों को भी समझाएंगे. 25 किलोमीटर प्रतिदिन पैदल पदयात्रा करके हम अयोध्या गए थे. आगे हम यहां संदेश देना चाहते हैं जो कट्टरपंथी मुसलमान हैं, वह ज्ञानवापी सनातनियों को दे दें. क्योंकि यह आलमगीर का फतवा है, क्योंकि विवादित स्थल पर नमाज नहीं हो सकती. इसलिए इसपर विवाद खत्म हो.

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