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नेहरू के दौर में लोगों में थी निराशा, मोदी के दौर में लोगों में आशा और आत्मविश्वास: कर्नल तेजेंदर पाल त्यागी - LOKSABHA ELECTION RESULTS 2024 - LOKSABHA ELECTION RESULTS 2024

रिटायर्ड कर्नल तेजेंदर पाल त्यागी ने पीएम मोदी की प्रसंशा करते हुए कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के दौर में लोगों में निराशा थी, लेकिन मोदी के दौर में लोगों में आशा और आत्मविश्वास है.

कर्नल तेजेंदर पाल त्यागी
कर्नल तेजेंदर पाल त्यागी (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 9, 2024, 9:34 PM IST

मोदी के दौर में लोगों में आशा और आत्मविश्वास: कर्नल तेजेंदर पाल त्यागी (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/गाजियाबाद:नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली. वहीं, दूसरी तरफ रिटायर्ड कर्नल तेजेंदर पाल त्यागी का कहना है कि जब देश आजाद हुआ था और अंग्रेज भारत छोड़कर गए तब पूरा पश्चिमी जगत कहता था कि हिंदुस्तान टूट जाएगा. ऐसे वक्त में देश में लोकतंत्र को स्थापित करने का श्रेय जवाहरलाल नेहरू को जाता है. ऐसा नेहरू की काबिलियत के चलते ही संभव हो पाया था. जबकि नरेंद्र मोदी को लोकतंत्र स्थापित नहीं करना पड़ा, उन्हें जमा जमाया लोकतांत्रिक सिस्टम मिला था.

तेजेंदर पाल त्यागी बताते हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू को हिंदुस्तान के लोगों की काबिलियत और टैलेंट के ऊपर यकीन नहीं था. जब तक पंडित नेहरू प्रधानमंत्री रहे उन्होंने अच्छा काम किया. लेकिन हिंदुस्तान के लोगो में निराशा थी. जबकि नरेंद्र मोदी ने सबसे बड़ा काम किया है देश के लोगों में आशा और आत्मविश्वास भरने का. नेहरू का दौर निराशावादी था जबकि मौजूदा दौर आशावादी है.

त्यागी बताते हैं लोगों के बीच नेहरू की लोकप्रियता पहली बार प्रधानमंत्री से लेकर तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने तक लगातार कम होती रही. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगर बात करें तो पहले चुनाव की तुलना में दूसरे और तीसरे लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बढ़ी है.

करनल त्यागी बताते हैं तीसरी बार जब पंडित नेहरू की सरकार बनी थी तो इस तरह की चर्चाएं नहीं थी जिस तरह की चर्चाएं आज हो रही है. आज मंत्री पद ऑफर भी किए जाते हैं और सरकार में भागीदारी या मंत्री बनने की डिमांड भी रखी जाती है. हालांकि, जब नेहरू तीसरी बार प्रधानमंत्री बने थे तब गठबंधन की सरकार नहीं थी जबकि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे हैं तो गठबंधन की सरकार है.

पंडित नेहरू हो या फिर नरेंद्र मोदी दोनों जब तीसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उनके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि बीते 10 वर्षों का देश चलाने का अनुभव था. यह अनुभव नेहरू के लिए तीसरे कार्यकाल में सरकार चलाने के लिए बेहद मददगार साबित हुआ था वही मोदी के साथ भी ठीक ऐसा ही है.

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