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हरिद्वार में आवारा पशुओं की तरह सड़क से लेकर बाजार में घूम रहे हाथी, लोगों की अटका रखी है सांसें

हरिद्वार में खेतों से लेकर घरों की गलियों तक घूम रहे जंगली हाथी, आवारा पशुओं की तरह नजर आ रहा हाथियों का झुंड

Elephant in Haridwar
हाथियों की धमक (फोटो- Resident of Haridwar)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 5 hours ago

हरिद्वार:उत्तराखंड के हरिद्वार में आवारा पशुओं की जंगली हाथी नजर आ रहे हैं. हाथियों का आतंक इस कदर है कि कभी हाईवे तो कभी गलियों में धमक जाते हैं. कभी खेतों में तो कभी विश्वविद्यालय परिसर में पहुंच जाते हैं. कभी बैंक्वेट हॉल के पास दिख जाते हैं तो कभी ठेके आदि के बाहर भी चिंघाड़ते नजर आ जाते हैं. यानी हरिद्वार के कोने-कोने में हाथी दिखाई दे रहे हैं. जिससे लोगों की हर वक्त सांसें अटकी सी रहती है.

आलम ये है कि हाथी कभी मॉर्निंग वॉक के दौरान दिख जाते हैं तो कभी शाम के समय तो कभी रात को गलियों में चहलकदमी करते नजर आते हैं. जंगलों से सटे गांव देहात में हाथियों का नजर आना आम बात है, लेकिन हाथी शहरों में भी घूमते दिख रहे हैं. इससे ऐसा लगता है, जैसे हाथियों ने लोगों के साथ रहना और जीना सीख लिया हो.

हरिद्वार में हाथियों की धमक से लोग खौफजदा (वीडियो- Resident of Haridwar)

बीते दो महीने से हरिद्वार के अलग-अलग इलाकों में झुंड में हाथियों का आवागमन हो रहा है. जो इससे पहले कम देखने को मिलता था. हरिद्वार शहर से सटा हुआ राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क को हाथियों का घर कहा जाता है, लेकिन अब हाथी अपने घर से निकलकर शहर के हर उस चौक चौराहे पर घूम रहे हैं, जहां पर आम आदमी पैदल और गाड़ियों से सफर कर रहा होता है.

खेतों में हाथियों का झुंड (फोटो- Resident of Haridwar)

विश्वविद्यालय से लेकर हाईवे पर हाथियों का कब्जा:विशालकाय हाथी अलग-अलग झुंड में हरिद्वार के विभिन्न इलाकों में सुबह और शाम देखने को मिल रहे हैं. इन दिनों शादियों का सीजन है, ऐसे में हाथियों की वजह से मेहमानों का घरों पर रुकना और घरों से कार्यक्रम स्थलों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है.

हरिद्वार में एक इलाके से दूसरे इलाके तक पहुंचने के लिए लोगों को कई बार हाथियों की वजह से काफी देर तक रुकना पड़ जाता है. इस दौरान उन्हें यही डर सताता रहता है कि कहीं हाथी उनपर हमला न कर दें. उन्हें ये भी डर रहता है कि कहीं से हाथी न आ धमके.

सड़क पर घूमता हाथी (फोटो- Resident of Haridwar)

गन्ना खाने आ रहे हाथी रौंद रहे फसल:हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में गन्ना समेत अन्य फसलों को खाने के लिए हाथियों का झुंड रोजाना धमक रहा है. इतना ही नहीं बहादराबाद, लक्सर, पथरी जैसे इलाकों में हाथी किसानों की फसलों को रौंद रहे हैं. जिससे किसान परेशान हो चुके हैं.

बीते दो महीने में इन हाथियों को हर उस जगह पर देखा गया है, जहां पर आम आदमी बेफिक्र होकर घूमता था. आज वहां जाने में भी डर लगा रहता है. हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रांगण में इसी महीने एक हाथी घूमता दिखा था. इसके अलावा दिल्ली-देहरादून हाईवे पर भी हाथियों का परिवार एक साथ कदमताल करता नजर आया था.

हरिद्वार में सड़क पर हाथी (फोटो- Resident of Haridwar)

इसके अलावा हरिद्वार के लक्सर रोड पर स्थित बैंक्वेट हॉल के आसपास भी हाथियों का झुंड कतार में जाते दिखा. ऐसे में हाथियों से कब बड़ा नुकसान हो जाए कहा नहीं जा सकता है. क्योंकि, जिन रास्तों पर ज्यादातर हाथियों की चहलकदमी देखी गई, उन्हीं रास्तों पर हरिद्वार के सबसे ज्यादा बैंक्वेट हॉल यानी शादी समारोह स्थल है. जहां पर रोजाना बारातियों का जमावड़ा लगा रहता है.

शादी में जाने से लगता है डर:हरिद्वार-लक्सर मार्ग पर रहने वाले ललित शर्मा बताते हैं कि हाथियों का रोजाना शाम 6 बजे के बाद आना आम बात हो गई है. कई बार परिवार के साथ शादी में जाने के प्लान बनाया, लेकिन हाथियों की रोजाना आ रही वीडियो को देखकर उन्होंने हरिद्वार-लक्सर रोड पर स्थित तमाम बैंक्वेट हॉल की तरफ जाना छोड़ ही दिया है.

हाथियों की वजह से दुकानदार भी खौफ में है. हाथियों की वजह से दुकानदार समय से पहले दुकान बंद कर रहे हैं. ललित शर्मा का कहना है कि वन विभाग को इस बारे में सोचना चाहिए. क्योंकि, इस इलाके में स्कूल और अस्पताल के साथ बड़ी आबादी रहती है. इस तरह से हाथियों की वजह से जान माल का नुकसान भी हो सकता है.

बैंक्वेट हॉल के पास से गुजरते हाथी (फोटो- Resident of Haridwar)

वनाधिकारी बोले- हाथियों से हो सकती दुर्घटना:हरिद्वार के डीएफओ वैभव कुमार सिंह भी मान रहे हैं कि इस बार हाथियों का आवागमन बढ़ा है. हालांकि, हाथी पहले भी आते रहे हैं, लेकिन इस बार हाथियों की संख्या बढ़ी है. इसका एक दूसरा पहलू ये भी है कि आज कल सभी जगह या घरों में सीसीटीवी कैमरे लग गए हैं, इस वजह से हाथी के वीडियो सामने आ जाते हैं.

उनका कहना है कि इन हाथियों से कोई भी दुर्घटना हो सकती है, ऐसे में इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. क्योंकि लोग इनके झुंड को देख कर भाग रहे है. अगर हाथी गुस्से में आया तो नुकसान पहुंचा सकता है. हाथियों को शहर में आने से रोकने के लिए 40 वनकर्मी तैनात किए हैं. इसके अलावा कुछ वॉलिंटियर भी वन विभाग का साथ दे रहे हैं. पुलिस का साथ मिल रहा है. सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं कि हाथियों का आबादी वाले इलाके में आने से रोका जाए.

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