रांची: प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से झारखंड के राजनीतिक गलियारे के साथ-साथ प्रशासनिक खेमे में हड़कंप मचा हुआ है. 6 मई को ईडी की टीम ने राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री सह प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव लाल और उनके नौकर समेत अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान रुपयों के ढेर मिले, जबकि पैरवी वाली एक पर्ची चर्चा के केंद्र में आ गयी है. इस पर्ची पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का नाम लिखा हुआ है.
पैरवी वाली पर्ची से मचा हड़कंप
ईडी की छापेमारी में जो पर्ची मिली है, उसमें लिखा गया है कि " शालिनी खलखो, बीडीओ, कटकमदाग, इन्हें यहां से हटाकर अन्यत्र हजारीबाग से दूर कहीं कर दिया जाए". ब्रैकेट में लिखा हुआ है कि हटाना जरुरी है. अंत में राजेश ठाकुर, PCC लिखकर हस्ताक्षर किया गया है. हस्ताक्षर के नीचे 23 जून 2023 लिखा हुआ है. इस मसले पर राजेश ठाकुर से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
शालिनी खलखो से ईटीवी भारत ने की बात
सबसे बड़ा सवाल है कि झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने हजारीबाग के कटकमदाग में पोस्टेड शालिनी खलखो को तत्काल हटाने के लिए विभागीय मंत्री के ओएसडी को पर्ची क्यों दी. इस सवाल का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने झारखंड प्रशासनिक सेवा की पदाधिकारी शालिनी खलखो से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि वह सितंबर-अक्टूबर 2021 से अक्टूबर 2023 तक कटकमदाग में पोस्टेड थीं. इसी बीच उनका प्रमोशन भी हुआ. फिलहाल, बोकारो में डीएसओ के पद पर सेवा दे रही हैं.
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर किसी भी पार्टी के किसी भी नेता ने उनपर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया. हां, यह अलग बात है कि गलत काम करने वालों के खिलाफ वह लगातार कार्रवाई कर रहीं थी. संभव है कि वैसे लोगों ने उन्हें हटाने के लिए प्रेशर क्रिएट किया हो. शालिनी खलखो ने कहा कि कटकमदाग की जनता बता सकती है कि वह जनहित से जुड़े कार्यों को लेकर कितनी गंभीर थीं.
पर्ची पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया