इंश्योरेंस कंपनी की जांच में खुलासा (ETV Bharat) पटनाःराजधानी पटना होटल अग्निकांड में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. अमेरिका की एक बीमा कंपनी में झूठा मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर 83 लाख रुपए का क्लेम किया गया है. दरअसल, जिसका डेथ सर्टिफिकेट कंपनी में पेश किया गया है, उसका नाम ना ही कोतवाली थाने में है और ना ही अग्निशमन विभाग के पास है. हैरानी की बात है कि नगर निगम कार्यालय से भी यह सर्टिफिकेट नहीं बनाया गया है.
8 लोगों की हुई थी मौतः बीते माह 25 अप्रैल को राजधानी पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित स्टेशन गोलंबर के पास पाल होटल और अमृत होटल में आग लगी थी. आठ लोग मारे गए थे, जिसमें राहुल कुमार, दिनेश सिंह, चंद्रकला कुमारी, तेज प्रताप, रितेश कुमार, राज लक्ष्मी किस्कू प्रियंका कुमारी और मिलोनी किस्कू शामिल थे. यह पुलिस रिकॉर्ड और अग्निशमन विभाग के भी रिकॉर्ड में दर्ज है. सभी की पहचान भी हो गई थी और सभी के परिजन डेड बॉडी को ले गए थे.
पुलिस में दर्ज नहीं है 9वां नामः अब सबसे बड़ा सवाल है कि जिस व्यक्ति ने अपने मां का डेथ सर्टिफिकेट बनाकर इंश्योरेंस क्लेम किया है, उसकी मां का नाम पुलिस रिकॉर्ड में नहीं है. रिकॉर्ड में कहीं भी सुमन लाल नामक महिला का नाम नहीं है. इसके बावजूद अमेरिका की बीमा कंपनी नेशनल लाइफ ग्रुप में अंकित नाम के फ्रॉड ने डेथ सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से बना कर 83 लख रुपए का क्लेम किया. इसका खुलासा तब हुआ जब अमेरिका की कंपनी का प्रतिनिधि क्लेम की जांच करने के लिए पटना पहुंचा.
इंश्योरेंस कंपनी की जांच में खुलासा (ETV Bharat) इंश्योरेंस कंपनी में किया क्लेमः अमेरिका इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारी गिरीश नंदन ने बताया कि क्लेम करने वाला अंकित नाम से शख्स के अनुसार उसने अपनी मां की मौत होटल में लगी आग के कारण हुई है जब इंश्योरेंस कंपनी के पास यह क्लेम आया है तो कंपनी ने अपने प्रतिनिधि को इसकी जांच के लिए भेजा. प्रतिनिधि जांच के लिए पटना पहुंचे और उनके द्वारा पटना के कोतवाली थाने में मृतक का लिस्ट चेक किया गया तो नहीं मिला. ना ही नगर निगम और ना ही अग्निशमन विभाग में मृतका का नाम मिला.
"डेथ सर्टिफिकेट जिस नाम से बनाया गया है वह नाम नहीं तो नगर निगम दफ्तर में मिला नहीं अग्निशमन विभाग में मिला. कोतवाली थाने में इस डेथ सर्टिफिकेट के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. सर्टिफिकेट की सांख्यिकी विभाग में जांच कराई गयी तो यह पूरी तरीके से फर्जी पाया गया. सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि यह सर्टिफिकेट देखने में फर्जी लग रहा है. सांख्यिकी पंजीकरण संख्या का कोर्ट का इस्तेमाल किया गया है, वह मैच नहीं कर रहा है."-गिरीश नंदन, इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारी
क्या है मामला? बता दें कि 25 अप्रैल को दिन के 11 बजे होटल में आग लग गई थी. देखते ही देखते आग में अपना विकराल रूप ले लिया. कई सिलेंडर ब्लास्ट किया. कई अग्निशमन की गाड़ियां पहुंची. आग पर काबू पाने में चार से पांच घंटे लग गए. कई लोगों को रेस्क्यू कर बचाया भी गया लेकिन कुल आठ लोग मारे गए.
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