पटना : बिहार की पटना हाईकोर्टने अदालती आदेशों का अनुपालन न करने के लिए सरकारी अधिकारियों के रवैये की कड़ी आलोचना की है. नतीजतन हजारों अवमानना याचिकाएं दायर की गईं. मुख्य न्यायाधीश पवनकुमार भीमप्पा बजंथरी व आलोक कुमार पाण्डेय की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता संजय कुमार द्वारा दायर अवमानना वाद की सुनवाई करते हुए सरकारी अधिकारियों के रवैये पर कड़ी फटकार लगायी है.
अवमानना याचिका दायर : कोर्ट ने कहा कि कई मामलों में अवमानना याचिका दायर किए बिना कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं हो पा रहा है. कोर्ट ने कहा कि हमने कई मामलों में देखा है कि अवमानना याचिका के बिना इस अदालत के आदेशों को लागू नहीं किया जा रहा है. विचाराधीन मामले में एक आरा मिल से संबंधित एक याचिका शामिल था, जहां दी गई समय सीमा के लगभग दो साल बाद भी अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया था.
पटना हाईकोर्ट इसे लेकर गंभीर: इस तरह अदालती आदेशों का पालन सरकारी अधिकारियों के आदत को गंभीरता से लेते हुए, अदालत ने पहले प्रधान मुख्य वन संरक्षक एन जवाहर बाबू अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने या जुर्माना लगाने के संबंध में स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया था. अधिकारी का स्पष्टीकरण सुनने के बाद, अदालत ने टिप्पणी की कि तलब किए जाने के बाद ही अधिकारियों ने इस मामले पर कार्रवाई की.
कोर्ट में दी गई दलील : पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता की शिकायत को संबोधित करने में कुछ प्रशासनिक कठिनाइयां थीं, जिसके कारण और विलम्ब हुआ. आदेश का अनुपालन नहीं किया जाने पर विचार करते हुए, कोर्ट ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को तीन हजार रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया.