पटनाःट्रेन हादसे में मुआवजा को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की.कोर्ट नेरेलवे को ब्याज सहित मुआवजा देने का निर्देश किया. कोर्ट ने कहा कि पीड़ित परिवार को 6 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज की दर से मुआवजा दिया जाए. 22 साल बाद पटना हाईकोर्ट में सोमवार को यह फैसला सुनाया गया.
2002 में हुई थी मौतः सोमवार को सुनावाई में जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय ने इस मामले पर सभी पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला दिया. 19 मई 2002 को आवेदिका के पति समर स्पेशल चलती ट्रेन से मोकामा रेलवे स्टेशन पर गिर गया. उसे घायल स्थिति में इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया. इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी थी.
ब्याज सहित मुआवजे की मांगः व्यक्ति की मौत के बाद पत्नी ने मुआवजे के लिए रेलवे दावा न्यायाधिकरण में आवेदन दिया था. इसमें ब्याज के साथ मुआवजा राशि देने का गुहार लगाई थी. क्योंकि उसके पति की ट्रेन दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने अपने लिखित बयान दायर कर कहा कि मृतक वास्तविक यात्री नहीं था क्योंकि उसके पास से रेल टिकट नहीं मिला था.
रेलवे ने खारिज कर दिया था आवेदनः न्यायाधिकरण ने मृतक को वास्तविक यात्री नहीं माना और आवेदन को खारिज कर दिया था. रेलवे दावा न्यायाधिकरण के आदेश की वैधता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. कोर्ट को बताया गया कि मुआवजा राशि के लिए रेलवे की ओर से दावा आवेदन एक मुद्रित प्रोफार्मा हैं. कॉलम नं. 7 में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि टिकट खो गया था. बाद में टिकट को प्रदर्शित किया गया.