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उम्रकैद की सजा काट रहे माले के पूर्व विधायक मनोज मंजिल को मिली बड़ी राहत, HC में मिली जमानत - Manoj Manzil Bail

Patna High Court : उम्रकैद की सजा मुकर्रर होने के बाद विधायकी गंवाने वाले माले नेता मनोज मंजिल को पटना उच्च न्यायालय में बड़ी राहत मिली है. उन्हें जमानत मिल गई है. क्या है पूरा मामला आगे पढ़ें खबर.

MANOJ MANZIL
MANOJ MANZIL (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 14, 2024, 4:31 PM IST

पटना :पटना हाईकोर्ट ने माले के पूर्व विधायक मनोज मंजिल को बड़ी राहत दी है. हत्या कर लाश को गायब करने के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे मनोज मंजिल को जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है. मनोज मंजिल भोजपुर जिला के अगियांव विधानसभा क्षेत्र से भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी माले के विधायक थे. हालांकि उनकी सदस्यता रद्द हो चुकी है.

मनोज मंजिल को मिली जमानत :पटना उच्च न्यायालय में जस्टिस आशुतोष कुमार ने मनोज मंजिल के साथ एक अन्य की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. कोर्ट में इस मामले को 28 मार्च 2024 को सुनवाई के लिए स्वीकार किया था. साथ ही निचली अदालत से रिकॉर्ड मांगा था.

साल 2015 का है मामला :ये मामला 20 अगस्त 2015 का है. जब जिले के अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव निवासी जयप्रकाश सिंह एक सभा को संबोधित कर अपने बेटे के साथ शाम को घर आ रहे थे. मनोज मंजिल समेत 23 लोगों ने लाठी डंडे और ईंट से पीटकर उनकी हत्या कर दी थी. इसकी शिकायत मृतक जयप्रकाश सिंह के बेटे चंदन कुमार ने अजीमाबाद थाने में दर्ज करायी. जिसके बाद पुलिस ने घटना के करीब एक सप्ताह बाद 27 अगस्त 2015 को अजीमाबाद थाना क्षेत्र के सितुहारी नहर से जय प्रकाश सिंह का क्षत-विक्षत अवस्था में शव बरामद किया था.

23 दोषियों को सुनाई गई थी सजा : इस मामले में 13 फरवरी 2024 को भोजपुर आरा के एमपी/एमएलए कोर्ट ने भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल समेत 23 दोषियों को हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई. सभी पर कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया. इसी सजा को माले विधायक ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी थी.

'राजनीतिक दुर्भावना के कारण फंसाया गया' :विधायक की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में राजनीतिक दुर्भावना के चलते उन्हें फंसाया गया है. वकील ने कोर्ट को बताया कि घटना के तीन दिन के बाद इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. जिस लाश की बरामदगी घटना के दस दिन बाद नदी के किनारे से बरामद की गई है वह लाश चंदन कुमार के पिता की नहीं है, किसी अन्य की है.

बरामद लाश के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बताया गया है कि नदी में डूबने से मृत्यु हुई है, जबकि प्राथमिकी में यह आरोप है कि विधायक अपने समर्थकों के साथ चंदन कुमार के पिता को लाठी डंडे से पूरी तरह से पीटकर हत्या कर दिये और लाश को गायब कर दिये.

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