बिहार

bihar

ETV Bharat / state

फर्जी डिग्री पर बहाल शिक्षकों की खैर नहीं! पटना हाईकोर्ट ने इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई को दिये निर्देश - Teacher Appointment Scam - TEACHER APPOINTMENT SCAM

Patna High Court पटना हाइकोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियों के आधार पर शिक्षकों की बहाली मामले पर बड़ा फैसला दिया है. रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और राज्य निगरानी विभाग को ऐसे फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि अभी भी 73 हजार शिक्षकों के फोल्डर नहीं प्राप्त हुए हैं.

Patna High Court
Patna High Court

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 3, 2024, 6:55 PM IST

पटनाः पटना हाइकोर्ट ने फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षकों की बहाली मामले पर बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने ऐसे फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने बुधवार 3 अप्रैल को यह फैसला सुनाया. 19 मार्च को ही सुनवाई कर ली गयी थी. हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया था, जिसे आज सुनाया गया.

क्या है मामलाः सर्वशिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए फंड दिया था. राज्य के द्वारा तीन स्तरीय पंचायत संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी. राज्य सरकार ने 2006 से ले कर 2015 तक शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. इस जनहित याचिका में यही आरोप लगाया गया कि बड़ी संख्या में फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्ती हुई.

कोर्ट ने दिये थे निर्देशः कोर्ट ने बाद में इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसे शिक्षक स्वयं त्यागपत्र दे देते हैं तो उनको क्षमादान दिया जा सकता है. कोर्ट ने इसके लिए 15 दिनों की समय सीमा तय की थी. कोर्ट के आदेश के बाद फर्जी डिग्री के आधार पर लगभग तीन हजार शिक्षकों ने स्वयं त्यागपत्र दे दिया था. बाद में इस मामले की जांच निगरानी विभाग ने शुरु की. बहुत सारे विश्वविद्यालयों व शिक्षा संस्थानों से फर्जी डिग्री प्राप्त करने वाले शिक्षकों की जांच शुरु की गयी. जांच में बहुत सफलता नहीं मिली.

सख्त कार्रवाई के निर्देशः कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि निर्धारित समय के भीतर कागजात व रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि बड़ी संख्या में जाली डिग्रियों के आधार पर शिक्षक राज्य में काम कर रहे हैं. साथ ही वे वेतन उठा रहे हैं. कोर्ट ने गड़बड़ियों की जांच कर जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का आदेश देते हुए मामले को निष्पादित कर दिया.

शिक्षकों का नहीं मिला फोल्डरः पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य निगरानी विभाग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने की मोहलत दी थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि अभी भी 72 हजार शिक्षकों के फोल्डर प्राप्त नहीं हुआ है. यह मामला काफी दिनों से चल रहा है, लेकिन जांच की रफ़्तार काफी धीमी है. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह एक समय सीमा निर्धारित करें, जिसके तहत सभी संबंधित शिक्षक अपनी डिग्री व अन्य कागजात प्रस्तुत करें.

इसे भी पढ़ेंः बिहार में सैकड़ों फर्जी शिक्षकों का खुलासा, एक सर्टिफिकेट पर 25 जिलों में कर रहे नौकरी

इसे भी पढ़ेंः Madhepura News: मधेपुरा में फर्जी शिक्षक गिरफ्तार, फेक सर्टिफिकेट पर 17 सालों से कर रहा था नौकरी

ABOUT THE AUTHOR

...view details