पटना:बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान बांग्लादेशी शरणार्थियों की एक बड़ी संख्या बिहार भी आई थी. तब तत्कालीन सरकार ने बिहार के अलग-अलग जिलों में जमीन देकर इन शरणार्थियों को बसाया था. ऐसे में बिहार में बांग्लादेशी शरणार्थियों की संख्या कितनी है इसको लेकर केंद्र सरकार एक डेटा तैयार कर रही है. जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बांग्लादेशी शरणार्थियों को लेकर बिहार सरकार से जिलेवार रिपोर्ट मांगी है.
11 जिलों की रिपोर्ट तैयारः केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद बिहार के 11 जिलों ने बांग्लादेशी शरणार्थियों को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. जिन जिलों ने अभी तक रिपोर्ट तैयार की है वे जिले हैं- बांका, भोजपुर, औरंगाबाद, जमुई, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, नवगछिया, सहरसा, कटिहार और शेखपुरा.
कई जिलों की रिपोर्ट तैयार नहींः हालांकि अधिकतर जिलों ने इसको लेकर अभी भी अपनी रिपोर्ट नहीं तैयार की है. जिन जिलों की रिपोर्ट अभी तैयार नहीं है उनमें राजधानी पटना के अलावा अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, अरवल, भागलपुर, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, कैमूर शामिल हैं.
कई जिलों में बसाए गये थे बांग्लादेशी शरणार्थीः 1971 में हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान लाखों बांग्लादेशी मारे गये. आखिरकार बांग्लादेशियों के अनुरोध पर भारत को इस युद्ध में दखल देना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप भारत-पाकिस्तान का युद्ध हुआ और पाकिस्तान से कटकर बांग्लादेश का निर्माण हुआ.
युद्ध के दौरान भारत आए 1 करोड़ बांग्लादेशीःयुद्ध के दौरान करीब 1 करोड़ बांग्लादेशी शरणार्थी के रूप में भारत आए थे. इन शरणार्थियों ने असम,बंगाल, बिहार, झारखंड जैसे कई राज्यों में बसाया गया था. बिहार के कई जिलों में इन शरणार्थियों को सरकार की ओर से जमीन देकर बसाया गया.
बांग्लादेश के हालात को देखते हुए डेटा तैयार करने का फैसलाः दरअसल इन दिनों बांग्लादेश के हालात बेहतर नहीं है जिसे देखते केंद्र सरकार ने भारत के अलग-अलग राज्यों में रह रहे बांग्लादेशियों का डेटा तैयार करने का फैसला किया है और उसी के तहत बिहार सरकार से भी जिलेवार रिपोर्ट मांगी गयी है.
पश्चिमी चंपारण के 48 गांवों में बांग्लादेशी शरणार्थीः बिहार के कई जिलों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी शरणार्थी रह रहे है. जिनमें एक बड़ी संख्या पश्चिमी चंपारण जिले में भी है. जानकारी के अनुसार पश्चिमी चंपारण के बेतिया, बैरिया, मझौलिया, चनपटिया, जोगापट्टी, मैनाटांड, बगहा -1, बगहा -2 , रामनगर और लोरिया प्रखंड के कुल 48 गांवों में तकरीबन 15 हजार 620 शरणार्थी आए थे जिनकी संख्या अब 78 हजार 598 हो चुकी है. ध्यान रहे कि ये आंकड़े सरकारी नहीं बल्कि स्थानीय लोगों की ओर से अपने स्तर पर कराई गयी जनगणना के हैं.