पटनाः भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र क्यों कहा जाता है, पटना से आई ये तस्वीर बता रही है. न कोई सरकारी एजेंसी, न किसी एनजीओ की गाइडलाइन, ये तो ग्रामीण महिलाओं का अपनी जागरूकता है. उन्हें पता है कि उनका एक-एक वोट नये भारत की नयी तस्वीर बनाने के लिए कितना अहम है. इसलिए ही तो बड़े उत्साहपूर्वक ढोल की थाप पर डांस करते हुए लोगों से मतदान की अपील कर रही हैं.
'आपन बूथवा प जाके वोटवा दीह हो': ढोल बज रहा है, तन-मन उत्साहित होकर डोल रहा है और मुंह से बोल निकल रहे हैं- "वोटवा दी हो भइया, वोटवा दीह हो...अपना बूथवा प जाके वोटवा दीह हो." गीतों में भाषाई चमत्कार भले ही न हो, भावनाओं का संसार है. भावना ये कि हमारा एक-एक मत इस देश के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करेगा.
'सबलोग अपना वोट जरूर डालेंः'गीत-संगीत के जरिये मतदाताओं को जागरूक कर रही ये महिलाएं पटना के मसौढ़ी के चरमा गांव की हैं. चरमा गांव पाटलिपुत्र लोकसभा सीट के अंतंर्गत आता है और पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर अंतिम चरण में यानी 1 जून को वोटिंग होनी है. ऐसे में 1 जून को लोग अपने घरों से निकलकर बूथ तक पहुंचे और अपना वोट देकर सरकार चुनने में अपनी भागीदारी निभाएं.
न किसी सरकारी एजेंसी न किसी एनजीओ की मददः सबसे खास बात ये है महिलाओं की जो मंडली है, इन्हें किसी सरकारी एजेंसी और न ही किसी एनजीओ की ओर से ऐसा करने की गाइडलाइन मिली है, ये तो खुद ही लोगों को जागरूक करने निकल पड़ी हैं. इन महिलाओं में चंद्रमंदी देवी, रीता देवी, मुन्नी देवी, बिरमटिया देवी, ममता देवी, पूजा कुमारी, जमुनी देवी, सुनीता देवी, सोनवा देवी शामिल हैं.