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Pariksha Pe Charcha 2025: कुरुक्षेत्र के स्कूल में कैबिनेट मंत्री की सप्राइज एंट्री, बच्चों को स्ट्रेस कम करने के दिए टिप्स - PARIKSHA PE CHARCHA 2025

कुरुक्षेत्र में कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम देखा और बच्चों को तनाव मुक्त रहने के टिप्स दिए.

Pariksha Pe Charcha 2025
Pariksha Pe Charcha 2025 (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 10, 2025, 5:05 PM IST

Updated : Feb 10, 2025, 5:39 PM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कनीपला गांव के स्कूल में चल रही परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री कृष्ण पंवार अचानक पहुंच गए. जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम को पूरा देखा. साथ ही विद्यार्थियों को परीक्षा की टेंशन कम करने के कुछ सुझाव भी दिए.

परीक्षा का समय: भारत में इन दिनों परीक्षाओं का दौर चल रहा है और ऐसे में देश के प्रधानमंत्री बच्चों का तनाव कम करने के लिए परीक्षा पर चर्चा भी कर रहे हैं. प्रधानमंत्री हर साल परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में छात्रों से बातचीत करते हैं. इसी कार्यक्रम के दौरान हरियाणा कैबिनेट मंत्री कृष्ण पंवार कुरुक्षेत्र के कनीपाला में सरकारी स्कूल में अचानक पहुंच गए. इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने भी बच्चों की क्लास लगाई और उन्हें तनाव मुक्त होकर परीक्षा देने के टिप्स दिए.

'गांव के बच्चे मेहनती': कैबिनेट मंत्री ने कहा कि गांव में पढ़ने वाले बच्चे यह बिल्कुल न सोचे कि शहर में शिक्षा अच्छी होती है. शहर के बच्चे ही ऑफिसर बनते हैं. ऐसा नहीं है. यह धारणा गलत है, हमें गांव में पढ़ने वाले बच्चों का धारणा बदलनी होगी. गांव के बच्चे शहर ही नहीं बल्कि देश में बड़े-बड़े लेवल तक पहुंचे हैं. गांव के बच्चे चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और आईएएस जैसे बड़े-बड़े पद पर पहुंचे हैं. गांव के बच्चे ईमानदारी से पढ़ाई करते हैं, मेहनत करते हैं और बड़े मुकाम हासिल करते हैं.

Pariksha Pe Charcha 2025 (Etv Bharat)

'परीक्षा भी त्योहार': पंवार ने कहा कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी रुचि रखनी चाहिए, ताकि दिमाग में ताजगी रहे. व्यायाम करें,ताकि शरीर दुरूस्त रहे और पढ़ाई में भी मन लगे. बच्चों को पढ़ाई या अन्य चीजों का तनाव नहीं लेना चाहिए, माता-पिता और दोस्तों तथा टीचरों से अपनी समस्याएं जरूर साझा करनी चाहिए. जिससे बच्चों को सही गलत का पता चल सके. टीचर और माता-पिता बच्चों को सही राह दिखा सके. जिस तरह से भारतीय संस्कृति के अंदर होली, दिवाली के पर्व बनाए जाते हैं. परीक्षाओं को भी उसी तरह मानना चाहिए, ताकि बच्चे परीक्षा को भी त्योहार ही समझे.

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Last Updated : Feb 10, 2025, 5:39 PM IST

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