मेरठःपेरिस पैरालम्पिक में दो कांस्य पदक जीतने वाली प्रीति पाल ने कुछ ऐसा किया है, जो आजकल बहुत कम देखने को मिलता है. प्रीति पाल अचानक अपने गुरु के पास पहुंचीं और गुरु दक्षिणा देकर गुरु शिष्य परम्परा की नई नजीर पेश की है. जीवन में तमाम बाधाओं का सामना करते हुए प्रीति पाल ने पेरिस पैरालम्पिक में 100 और 200 मीटर दौड़ ब्रांज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. प्रीति ने खेलों के प्रति अपना रुझान किया तो मेरठ के कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में ही प्रशिक्षण लिया था. प्रीति पाल को कोच गौरव त्यागी ने प्रशिक्षण दिया था. यह वह दौर था जब प्रीति ने खेल की दुनिया में अपना पहला कदम ही आगे बढ़ाया था. प्रीति पाल को सीएम योगी ने सम्मान के तौर पर 4 करोड़ की ईनामी राशि दी है.
मेडल जीतने के बाद जब प्रीति पाल की चर्चा चारों तरफ हो रही थी लेकिन वह अपने पहले गुरू को नहीं भूलीं. इसलिए गुरुवार शाम अचानक प्रीति कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम पहुंचकर में पहुंचकर गुरू व कोच गौरव त्यागी सरप्राइज देते हुए दोनों मेडल उनके गले में पहनाकर सम्मान किया. इतना ही नहीं पांच लाख रुपये का चेक देते हुए आशीर्वाद लिया. इससे वहां का माहौल बदल गया. वहां, प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ी भी मौके पर पहुंच गये और वहां का नजारा भी देखने लायक था.
प्रीति पाल के कोच गौरव त्यागी से बातचीत. (Video Credit; ETV Bharat) इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत में गौरव त्यागी ने बताया कि प्रीति ने बहुत मेहनत की है औऱ निश्चित ही एक दिन दुनिया भर में अपने बेहतर प्रदर्शन से देश का मान बढ़ाएंगी. गौरव त्यागी ने बताया कि 2018 से फरवरी 2024 तक प्रीति पाल ने कैलाश प्रकाश स्टेडियम में खूब पसीना बहाया है. वह लगातार विभिन्न प्रतियोगिताओं में मेडल लाती रही. लेकिन मेरठ में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का अभाव था, जिस वजह से दिल्ली का रुख करना पड़ा था. प्रीति प्रतिभा और मेहनत से ही नई ऊंचाइयों को छूते हुए भारत का नाम गर्व के साथ रोशन करेगी. गौरव त्यागी ने कहा कि प्रीति पाल ने 5 लाख नकद उन्हें दिया है. वह चाहते हैं कि ऐसे दिन हर गुरु के जीवन में आएं.
कोच के साथ प्रीति पाल. (Photo Credit; ETV Bharat) प्रीति पाल के दादाजी ऋषिपाल ने बताया कि प्रीति कुछ देर के लिए आई थीं, उसके बाद वह मुंबई निकल गईं. प्रीति अपने गुरु को सम्मानित करने आई थीं, उनसे बस यही कहा था कि दादाजी साथ चलना है. अपनी बेटी के इस प्रयास से वह भी गदगद हैं. उन्हें खुशी है कि उनकी पौत्री ने गुरु शिष्य परम्परा को बढ़ाया है. प्रीति अपने कोच से समय समय पर मार्गदर्शन लेती रहती थीं.
बता दें कि भारत की पैरा खिलाड़ी प्रीति पाल ने पेरिस में आयोजित गेम्स में दो मैडल देश को दिलाने में सफलता पाई थी. प्रीति पाल ने महिलाओं की टी 35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक जीता था. इसके बाद फिर पुनः अगले ही दिन प्रीति ने 30.01 सेकेंड में दौड़ पूरी की थी और अपना दूसरा पदक जीता था, जिसके बाद से वह सुर्खियों में आ गई थीं.
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