उदयपुर: जिले में पिछले तीन दिनों से एक पैंथर का आतंक देखने को मिल रहा है. पिछले तीन दिनों में पैंथर तीन लोगों को अपना शिकार बन चुका है. इससे पूरे इलाके में भय और तनाव का माहौल देखने को मिल रहा है. दरअसल मामला उदयपुर के गोगुंदा थाना इलाके का बताया जा रहा है. जहां शुक्रवार को भी पैंथर ने एक महिला को अपना शिकार बनाया. इससे पहले भी पैंथर दो लोगों को मौत के घाट उतार चुका है.
कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने बताया कि स्थिति को देखते हुए 2 और रेस्क्यू टीमें बुलाई गई हैं. लेपर्ड को ट्रैंकुलाइज करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि उदयपुर की टीम मौके पर है. इसके अलावा जोधपुर और राजसमंद से भी रेस्क्यू टीमें बुलाई गई है. उन्होंने बताया कि आसपास के एरिया में जिस तरह से इंसानों पर हमला हुआ है, उससे ऐसा लग रहा है कि एक ही लेपर्ड द्वारा हमले किए जा रहे हैं.
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ग्रामीण दहशत में:गोगुंदा थाना क्षेत्र में आदमखोर पैंथर ने एक बार फिर से जमकर आतंक मचाया है. जहां छाली के उमरिया गांव में शुक्रवार 55 वर्षीय महिला, हमेरी बाई पत्नी स्व नाना लाल भील पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया. यह घटना तब हुई, जब हमेरी बाई अपने खेत पर काम कर रही थीं. पैंथर ने महिला के गले पर हमला किया और उसे करीब 500 मीटर दूर जंगल में घसीट कर ले गया. इससे पहले शुक्रवार को ग्रामीणों ने गोगुंदा झाडोल मार्ग पर प्रदर्शन करते हुए जाम लगा दिया. मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारी व गोगुंदा के जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में चली वार्ता के बाद भेवडीया निवासी खुमाराम (55 वर्ष) के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया.
48 घंटों में तीसरा हमला: आदमखोर पैंथर द्वारा यह पिछले तीन दिनों या 48 घंटों में तीसरा हमला किया है. इससे पहले बुधवार को हुए पैंथर हमले में उंडीथल निवासी कमला गमेती (16 वर्ष) व गुरुवार को भेवडीया निवासी खुमाराम 55 वर्ष को निशाना बनाया था. लगातार हो रहे इन हमलों से गांव में दहशत का माहौल है और ग्रामीण अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं. पैंथर के हमले के बाद ग्रामीण घटनास्थल तक पहुंचने में असमर्थ रहे, क्योंकि पैंथर शव के आस-पास ही मंडरा रहा था. घटना के बाद, गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आक्रोश व्यक्त किया है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने अब तक पैंथर को काबू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.
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लगाए पिंजरे और कैमरा ट्रैप: उधर, सूचना मिलने पर गोगुंदा पुलिस, वन विभाग और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची. इससे पहले दोपहर में वन विभाग के डीएफओ अजय चित्तौड़ा अमला का पानी और भेवड़िया गांव पहुंचे और लेपर्ड का शिकार हुई कमला गमेती और खुमाराम गमेती के परिजनों से मिलकर मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया. उन्होंने बताया कि लेपर्ड को पकड़ने के लिए दोनों गांवों में पिंजरे और कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं. उन्होंने लोगों से सावधान रहने की अपील की है.
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लेपर्ड के हमला करने पर चिल्लाई महिला: ग्रामीणों ने बताया कि लेपर्ड के हमला करने पर हमेरी बाई चिल्लाने लगी. इस पर हम लोग कुल्हाड़ी और लाठी-डंडे लेकर खेत की तरफ भागे, लेकिन तब तक लेपर्ड हमेरी को खींचकर जंगल में झाड़ियों की तरफ ले जा चुका था. ग्रामीणों ने बताया कि हमेरी का खेत जंगल से सटा हुआ है. जब हम सब लोग मौके पर पहुंचे, तो वहां हमेरी की ओढ़नी पड़ी थी. हम लोगों ने झाड़ियों में हमेरी को देखा और लेपर्ड उसके पास ही बैठा हुआ था. लेपर्ड हम लोगों पर भी हमला नहीं कर दे, इसलिए किसी की भी वहां जाने की हिम्मत नहीं हो पाई.