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पन्ना में 'श्रीराम-जानकी' और 'भोलेनाथ' को सालों से एक अदद आशियाने की तलाश - PANNA RARE ANCIENT IDOLS

पन्ना के कंकाली माता मंदिर परिसर में प्राचीन काल की भगवान की दुर्लभ प्रतिमाएं उपेक्षा का शिकार हैं. श्रद्धालु आहत हैं.

Panna Rare ancient idols
प्राचीन काल की भगवान की दुर्लभ प्रतिमाएं उपेक्षा का शिकार (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 17, 2025, 3:36 PM IST

पन्ना:पन्ना स्थित कंकाली माता मंदिर प्रांगण के सामने के तालाब से निकली प्राचीन व ऐतिहासिक मूर्तियां खुले में पड़ी हैं. ये दुर्गा माता, भगवान श्रीराम व शंकर भोले की दुर्लभ मूर्तियां हैं. इनके दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. कंकाली माता मंदिर के पुजारी परिवार के सदस्य महादेव प्रसादबताते हैं "उनकी चार पीढ़ियां यहां पूजा करती आ रही हैं." बता दें कि मंदिर प्रांगण में एक मूर्ति भगवान श्रीराम की वनवासी भेष में धनुष लिए है, साथ में सीताजी हैं. ये सभी मूर्तियां उपेक्षा का शिकार हो रही हैं. कुछ मूर्तियां खंडित भी हो चुकी हैं.

भगवान शंकर, दुर्गा मां व गणेश की मूर्तियां

पुजारी परिवार के सदस्य महादेव प्रसादबताते हैं "ये मूर्तियां तालाब की खुदाई के दौरान निकली थी, इनका इतिहास सैकड़ो वर्षों पुराना है. ये मूर्तियां माता कंकाली मंदिर प्रांगण में खुले आसमान के नीचे रखी हुई हैं. प्रशासन एवं पुरातत्व विभाग द्वारा इनका संरक्षण करके संजोकर रखने की जरूरत है, क्योंकि यह ऐतिहासिक मूर्तियां हैं. इनके प्रति लोगों में बहुत श्रद्धा है. यहां पर दर्शन करने आ रहे लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इन मूर्तियों को संरक्षित करके व्यवस्थित मंदिर बनवाकर स्थापित करवाया जाए."

पन्ना के कंकाली माता मंदिर के पुजारी परिवार के सदस्य महादेव प्रसाद (ETV BHARAT)
भगवान श्री राम की प्राचीन प्रतिमा (ETV BHARAT)

पुरातत्व विभाग की उदासीनता पर नरााजगी

बता दें कि पन्ना जिला मंदिरों के लिए विख्यात है. पन्ना जिला का इतिहास पौराणिक कहानियों से ओतप्रोत है. वनवास के दौरान भगवान श्रीराम यहां से भी गुजरे थे. जिले में स्थित आगस्त्य मुनि आश्रम में भगवान श्री राम वनवास के दौरान कुथ दिनों के लिए रुके थे. यहां पर श्री राम ने आगस्त्य मुनि से शास्त्र व शस्त्र की शिक्षा ली थी. शहरवासियों ने पुरातत्व विभाग की उदासीनता पर हैरत जताते हुए कहा कि अगर इन मूर्तियों को सरकार संरक्षित नहीं कर सकती है तो शहरवासी चंदा करके इन्हें मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करके विराजित करा सकते हैं.

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