पन्ना:मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में भगवान राम की एकांकी भेष में एक प्रतिमा स्थापित है. यह दुर्लभ और प्राचीन प्रतिमा जिले की गुनौर तहसील के सलेहा क्षेत्र स्थित सिद्धनाथ आश्रम में है. यह मूर्ति भगवान राम के वनवासी भेष में धनुष लेकर दौड़ते हुए है. इसका दर्शन करने के लिए हर साल दक्षिण भारत से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और यहां पूजा अर्चना और भंडारे का आयोजन करते हैं. कहा जाता है कि दक्षिण भारत के प्रसिद्ध संत अगस्त्य मुनि यहां तपस्या करने आए थे. तभी वनवास जाते हुए भगवान राम की उनसे मुलाकात हुई थी.
पन्ना के इस मंदिर में कुछ खास है, दक्षिण से दर्शन को दौड़े आते हैं भक्त, सदियों पुराना है नाता - SIDDHIDHAM ASHRAM LORD RAM STATUE
पन्ना के सिद्धधाम आश्रम में भगवान राम की प्राचीन और दुर्लभ प्रतिमा स्थापित है. हर साल हजारों दक्षिण भारतीय यहां दर्शन को आते हैं.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Dec 21, 2024, 10:30 PM IST
मंदिर के पुजारी दीनदयाल दास बताते हैं कि "एकांकी राम की प्रतिमा अति दुर्लभ है. ऐसी प्रतिमा विश्व में कहीं और नहीं है. यह प्रतिमा बहुत पुरानी है, जिसमें भगवान राम बनवासी भेष में धनुष लिए दौड़ रहे हैं." पुजारी दीनदयाल आगे बताते हैं कि "अपने वनवास के दौरान भगवान राम चित्रकूट से सलेहा क्षेत्र अंतर्गत सिद्धनाथ आश्रम अगस्त्य मुनि से मिलने आए थे. उनके साथ छोटे भाई लक्ष्मण और माता सीता भी थीं. यहीं पर अगस्त्य मुनि ने उन्हें शस्त्रों और शास्त्रों की शिक्षा दी थी. जिनकी मदद से भगवान राम ने आगे चलकर रावण का संहार किया था.
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अपने 108 शिष्यों के साथ अगस्त्य मुनि ने की थी तपस्या
अगस्त्य मुनि दक्षिण भारत के प्रसिद्ध संत थे. वे सलेहा क्षेत्र अंतर्गत सिद्धनाथ आश्रम में अपने 108 शिष्यों के साथ तपस्या करने आए थे. यहां उनका त्रेतायुग में आश्रम हुआ करता था, जहां पर पत्थर की छोटी-छोटी 108 शिष्यों के लिए बनी कोठरी अभी भी मौजूद है. यहीं पर अगस्त्य मुनि ने तपस्या की थी. इसी कारण सिद्धनाथ आश्रम में दक्षिण भारत से हजारों लोग वर्ष में एक बार आते हैं और यहां पर पूजा-अर्चना के साथ भंडारा व अनुष्ठान करते हैं.