चंडीगढ़:पंचकूला के एक युवक ने अपनी जिंदगी के 17-18 साल बिना किसी कसूर के जंजीरों में काटे हैं. 17-18 साल बाद एक ट्रक चालक इस युवक के लिए मसीहा बन गया. जब उसने इस युवक की हालत देख ली और उसे जंजीरों से आजाद करवा लिया. दरअसल, जब एक ट्रक चालक को त युवक की कहानी का पता चला तो वह युवक को अपने ट्रक में बैठाकर राजस्थान से पंचकूला लेकर आ गया. जिसके बाद ट्रक चालक ने युवक को पंचकूला पुलिस थाने में मदद लेने के लिए भेजा. थाने का पता पूछते हुए युवक पंचकूला थाने 5 पहुंचा. जहां थाना प्रभारी रुपेश चौधरी से युवक की मुलाकात हुई. रुपेश चौधरी ने युवक से बातचीत की और पुलिस अब युवक को उसके परिजनों से मिलाने की कोशिश कर रही है.
जिंदगी के 18 साल जंजीरों से बंधा रहा युवक: युवक ने बताई आपबीती दरअसल, युवक ने बताया कि 17-18 साल पहले एक जगदीश नाम के व्यक्ति ने उसका अपहरण कर लिया और उसे अपने साथ राजस्थान लेकर चला गया. वहां पर युवक को भेड़-बकरियां चराने का काम दे दिया. जिसके बाद उसे शाम होते ही फिर भेड़ों की तरह जंजीरों से बांध दिया जाता था. युवक को भेड़-बकरियों वाला ही पानी पीने को दिया जाता था और बचा हुआ खाना उसे खिलाया जाता था. युवक की इस दशा का पता तब चला जब राजस्थान में भेड़-बकरियां छोड़ने गए ट्रक चालक की मुलाकात इस युवक से हुई.
ट्रक चालक बना मसीहा: ट्रक चालक ने देखा कि यह युवक जंजीरों में बंधा हुआ है. इसके बाद ट्रक चालक ने युवक से पूछा तो उसने अपनी आपबीती उस ट्रक चालक को सुना दी. जिसके बाद चालक ने उसकी मदद करते हुए उसे कैद से छुड़ाया और ट्रक में राजस्थान से बैठा कर अपने साथ पंचकूला लेकर आया. चालक ने युवक को पंचकूला पुलिस से मदद मांगने के लिए कहा. ट्रक ड्राइवर ने युवक के हाथ में चिट्ठी भी लिखकर दी है कि वह पंचकूला का है, लेकिन इसको अपने गांव माता-पिता का नाम नहीं मालूम और 17-18 साल पहले एक ड्राइवर इसे उठाकर राजस्थान ले गया था.