दुर्ग: छत्तीसगढ़ में सीएए कानून (Citizenship Amendment Act) का प्रभाव देखने को मिला है. दुर्ग में सीएए कानून के तहत भारत की नागरिकता का प्रमाण पत्र मिला है. दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने तीन पाकिस्तानी हिंदू तीन लोगों को भारत की नागरिकता का प्रमाण पत्र दिया है. सोमवार को इन्हें नागरिकता मिली है. इन पाकिस्तानी नागरिकों के नाम रामी बाई, बेबी हर्षिता और मयंक कुमार है. भारत की नागरिकता मिलने से दुर्ग में रह रहे इन तीन लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था. तीनों ने भारत सरकार और दुर्ग के कलेक्टर के प्रति आभार जताया है और उन्हें धन्यवाद दिया है.
2007 में पाकिस्तान से आए थे भारत: तीनों नागरिक साल 2007 में पाकिस्तान से भारत आए थे. रामी बाई, मुकेश कुमार की पत्नी हैं. जो पाकिस्तान के नागरिक थे. ये सभी साल 2007 में पाकिस्तान से आकर दुर्ग के सिंधी कॉलोनी में रहने लगे थे. तब से यह यहीं रह रह रहे थे. इनकी एक बेटी और एक बेटा है. बेटी का नाम बेबी हर्षिता और बेटे का नाम मयंक कुमार है. तीनों दुर्ग के सिंधी कॉलोनी के वार्ड 26 में रहते थे. तीनों ने मोदी सरकार और साय सरकार को धन्यवाद दिया है.
क्या है सीएए कानून?: 11 मार्च 2024 को भारत में सीएए यानि की नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू किया गया था. इससे पहले 11 दिसंबर 2019 को संसद से यह कानून पारित हुआ था. 12 दिसंबर 2019 को इस कानून पर राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी. इस कानून के जरिए भारत के तीन पड़ोसी देश के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता का आवेदन करने पर नागरिकता देने का प्रावधान है. दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आने वाले 6 धार्मिक अल्पसंख्यकों जिसमें हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग हैं. उनकी तरफ से भारत की नागरिकता के लिए आवेदन देने पर उन्हें नागरिकता देने का प्रावधान है.