चंबा: पद्मश्री और राष्ट्रपति अवॉर्ड से सम्मानित मुसाफिर भारद्वाज का करीब 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. मुसाफिर भारद्वाज मूलत: जिला चंबा के भरमौर उपमंडल के संचूई गांव के रहने वाले थे. उन्होंने पठानकोट स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. वो कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और बीते रोज शाम पौने सात बजे घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली. राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.
जानकारी के अनुसार मुसाफिर भारद्वाज को वर्ष 2014 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था. मुसाफिर राम भारद्वाज का जन्म चंबा जिला के संचुई (भरमौर) में दीवाना राम के घर 1930 में हुआ. हांलांकि गांववासियों की मानें तो वह अपनी आयु का शतक पूरा कर चुके थे और इनकी आयु 101 वर्ष के आसपास थी. मुसाफिर भारद्वाज की कोई व्यवहारिक शिक्षा नहीं हुई थी. इन्होंने 13 साल की उम्र में पौण माता बजाना सीखा था. इन्होंने 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भी प्रस्तुति दी थी. मुसाफिर राम किसानी के साथ साथ दर्जी का भी काम करते थे. इनके चार बेटे और दो बेटियां हैं.