कुल्लू: मणिकर्ण घाटी के ग्राहण में ईको पर्यटन नेचर पार्क बनाया जाएगा. इस नेचर पार्क के लिए मणिकर्ण से कसोल तक गर्म पानी ले जाने की चर्चाओं की बीच लोगों ने इसका विरोध किया है. इस मुद्दे को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने डीसी कुल्लू को सरकार के नाम एक ज्ञापन सौंपा था और मणिकर्ण में गर्म पानी के चश्मे के साथ छेड़छाड़ न करने की अपील की थी.
वहीं, अब विधायक सुंदर सिंह ने इस मामले पर कहा कि, 'कुल्लू में कुछ लोग धर्म के नाम पर राजनीति करते आए हैं और विकास के मामले में इसे बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा. आम जनता का जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के ग्राहण में बना रहे नेचर पार्क को लेकर कोई विरोध नहीं है. कुछ लोगों को इस मामले में भड़काया जा रहा है. इससे पहले भी कई विकास की योजनाओं का धर्म के नाम पर विरोध किया गया था, जिससे जिला कुल्लू के विकास को भी काफी नुकसान हुआ है, लेकिन जब अपने फायदे की बात होती है तो विरोध करने वाले ये लोग धर्म के नाम पर नियमों को भी बदल देते हैं. अब इस तरह की राजनीति को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा.'
'जनता नहीं देगी अड़गा डालने वालों का साथ'
विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि, 'इससे पहले स्की विलेज हो या फिर कोई बड़ी अन्य परियोजना उसमें भी कुछ नेताओं ने धर्म के नाम पर राजनीति की. मणिकर्ण घाटी पर नेचर पार्क बनने से यहां के पर्यटन कारोबार को फायदा होगा और स्थानीय लोगों को भी घर द्वार पर रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे. लोग भी अब ऐसे नेताओं के प्रपंच को समझते हैं और जनता कभी भी विकास के कार्यों में अड़ंगा डालने वाले लोगों का साथ नहीं देगी.'
लोगों ने किया मणिकर्ण से गर्म पानी ले जाने का विरोध
बता दें कि मणिकर्ण घाटी के ग्राहण में एक पर्यटन केंद्र का निर्माण किया जा रहा है. यहां पर मणिकर्ण से गर्म पानी की व्यवस्था करने की बात कही जा रही है. मणिकर्ण से ग्राहण तक पानी लाने के लिए करीब चार किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी. लोगों ने इसका विरोध किया है. लोगों का कहना है कि मणिकर्ण पूरे भारत में पर्यटन स्थल ही नहीं बल्कि एक धार्मिक स्थल के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यहां पर भगवान शिव ने हजारों साल तपस्या की और उसके बाद यहां पर जमीन से गर्म पानी की धारा फूटी थी. वहीं, यहां पर जिला कुल्लू के देवी देवता स्नान करने आते हैं और लोग भी अपने घरों में इस पानी का प्रयोग पूजा पाठ में लाते हैं, इसलिए यहां किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.
वहीं, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने भी इसका विरोध किया था और उनके बेटे दानवेंद्र सिंह ने भी सरकार से मांग रखी थी कि मणिकर्ण एक धार्मिक स्थान है और देवी देवता यहां स्नान करने के लिए आते हैं. ऐसे में गर्म पानी के कुंड के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाए.
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