नई दिल्ली/गाजियाबाद:दिल्ली एनसीआर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ट्रांसपोर्ट सेवाओं को विस्तार देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. बीते वर्षों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी बेहतर हुई है. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे बनने के बाद दिल्ली से मेरठ का सफर 40 मिनट का रह गया है. देश की पहली रैपिड रेल का संचालन साहिबाबाद से मेरठ तक हो रहा है. ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे बनने के बाद व्यावसायिक वाहनों को हरियाणा जाने के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं होती. वहीं, अब ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के समांतर ऑर्बिटल रेल योजना को धरातल पर उतारने की कवायद जारी है.
ऑर्बिटल रेल उत्तर प्रदेश के चार जिलों से होकर गुजरेगी. जिसमें गाजियाबाद, बागपत, मेरठ और गौतम बुद्ध नगर शामिल है. ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर 135 किलोमीटर का होगा, जिसमें से 87 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश में होगा. ऑर्बिटल रेल के लिए फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को सौंपी गई है. जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स को नोडल अधिकारी बनाया गया है. अतुल वत्स की देखरेख में फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट तैयार की जाएगी. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है.