देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं ध्वस्त होती नजर आ रही हैं. मौजूदा स्थिति यह है कि चारोंधामों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. साथ ही यात्रियों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जिसके चलते देश के तमाम हिस्सों से आए श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सीएम धामी चुनाव प्रचार-प्रसार को छोड़कर चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लग गए हैं, जबकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज चारधाम यात्रा को बीच भंवर में छोड़कर अन्य राज्यों के चुनाव- प्रचार में व्यस्त हैं.
चारधाम यात्रा से नदारद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज:पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के पास पर्यटन, धर्मस्व और पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं. ऐसे में उत्तराखंड चारधाम यात्रा से नदारद होने के चलते तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज चारधाम यात्रा के दौरान राज्य से गायब है. पिछले कुछ सालों से चारधाम यात्रा के दौरान सतपाल महाराज प्रदेश से गायब ही नजर आए हैं.
लखनऊ में प्रचार-प्रसार में व्यस्त हैं सतपाल महाराज:सतपाल महाराज के मीडिया प्रभारी से मिली जानकारी के अनुसार अभी दो दिनों तक सतपाल महाराज लखनऊ में लोकसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार में व्यस्त हैं. इसके बाद वो देहरादून वापस लौटेंगे. चारधाम के कपाट खुलने के चार दिन बाद यानी 14 मई को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, बाबा केदारनाथ और बदरी विशाल के दर्शन करने पहुंचे थे. महाराज का यह दौरा सिर्फ एक धार्मिक दौरा था, क्योंकि इस दौरे के दौरान महाराज ने दोनों धामों में पूजा-अर्चना कर, विश्व और मानवता कल्याण की कामना की थी. हालांकि दर्शन के बाद महाराज ने केदारनाथ धाम में यात्रा के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा और पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था. इसके बाद सतपाल महाराज चुनाव प्रचार- प्रसार के लिए रवाना हो गए.
सतपाल महाराज ने मंत्रियों के साथ नहीं की बैठक:19 अप्रैल को मतदान की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद शासन स्तर से चारधाम की तैयारियां जोरों-शोरों से की जा रही थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद अधिकारियों के साथ बैठक कर चारधाम यात्रा से संबंधित व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने पर जोर दे रहे थे, क्योंकि आदर्श आचार संहिता लागू होने के चलते कोई भी मंत्री बैठकें नहीं कर सकता है. ऐसे में निर्वाचन आयोग से परमिशन लेने के बाद ही जरूरी व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की जा सकती है, लेकिन इसके बावजूद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने निर्वाचन आयोग से परमिशन लेकर बैठक करने की जहमत नहीं उठाई.