मेरठ:यूपी के मेरठ में एसटीएफ ने बीते दिनों कारतूसों की बड़ी खेप पकड़ी थी, उसके बाद यूपी के तेजतर्रार अफसरों में शुमार मेरठ रेंज के डीआईजी कलानिधि नैथानी ने अपने रेंज के जिलों में ऑपरेशन शस्त्र को तत्काल प्रभाव से चलाने का निर्णय लिया है. डीआईजी कलानिधि नैथानी ने नये कारतूस देने के पूर्व लाइसेंस धारकों को अब तक प्राप्त कारतूसों की खपत के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होगी.
डीआईजी ने इसके लिए अफसरों को निर्देश दिए हैं कि वो इतना सुनिश्चित करें कि एसडीएम और पुलिस क्षेत्राधिकारी के द्वारा प्रारम्भिक जांच के बाद ही नए कारतूस अब मिल सकें. इस प्रक्रिया को तत्काल अमल में लाने व कारतूसों की बिक्री पर सशर्त प्रतिबंध लगाए जाने का निर्देश दिया हैं. नए स्वीकृत लाइसेंसो पर भी सीमित संख्या में कारतूस दिये जाएं इसके लिए भी डीआईजी ने स्पष्ट निर्देश दिया है.
इतना ही नहीं अब खिलाड़ियों को भी कारतूस देने को लेकर नए प्रावधान बनाये जा रहे हैं. अभी तक उनके खोखे जमा करने के संबंध में 80 प्रतिशत के स्थान पर 90 प्रतिशत की शर्त रखी जाए. यानी पहले 80 फीसदी खोके का ब्यौरा देने के साथ ही कारतूसों का हिसाब अनिवार्य था, जबकि अब इसे 90 प्रतिशत खोके का हिसाब देना अनिवार्य होगा.
लाइसेंसी हथियार धारकों के बारे में भी डीआईजी ने कहा कि अपना लाइसेंसी हथियार दूसरे को इस्तेमाल के लिए देने पर लाईसेंस की शर्तो के उल्लंघन की धारा 30 आयुध अधिनियम अन्तर्गत मुकदमा दर्ज करें. अगर असलाह लाइसेंसी हो तो शस्त्र निरस्तीकरण की कार्रवाई अमल में लायी जाए और शस्त्र स्वामी के विरुद्ध भी विधिक कार्रवाई की जाएगी. किसी भी गोलीकांड जैसे अपराधिक षडयंत्र में शामिल पारिवारिक सदस्यों और मित्रों पर भी कार्रवाई की जाएगी.