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छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2024: सरगुजा में है छत्तीसगढ़ का इकलौता सैनिक स्कूल

छत्तीसगढ़ का एक मात्र सैनिक स्कूल सरगुजा में है. यहां से पढ़कर निकले बच्चे देश सेवा में अपना नाम रोशन कर रहे हैं.

CHHATTISGARH RAJYOTSAVA 2024
छत्तीसगढ़ का इकलौता सैनिक स्कूल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 4 hours ago

सरगुजा: 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ का राज्योत्सव मनाया जाएगा. राज्योत्सव की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. छत्तीसगढ़ के बने 24 साल हो चुके हैं. राज्य अब 25वें साल में प्रवेश करने को तैयार है. पूरा प्रदेश तेजी से विकास में आगे बढ़ रहा है. सरगुजा संभाग भी छत्तीसगढ़ के विकास में अपना बेहतर योगदान दे रहा है. राज्य बनने के बाद सरगुजा संभाग में छत्तीसगढ़ का पहला सैनिक स्कूल खोला गया. ये फैसला सरगुजा संभाग के लिए बड़ी उपलब्धि साबित हुआ. बड़ी संख्या आदिवासी बच्चों को यहां पढ़ने और देश सेवा में शामिल होने का मौका मिला.

सरगुजा में खुला सैनिक स्कूल: वनवासी क्षेत्रों के बच्चों को सेना में जाने के लिए या फिर सैनिक स्कूल में पढ़ने के लिए दूसरे राज्यों का रुख करने की अब जरुरत नहीं पड़ती है. इससे पहले अविभाजित मध्य प्रदेश के रीवा में सैनिक स्कूल था जिसमें यहां के बच्चे जाते थे. राज्य का अपना सैनिक स्कूल होने से यहां के बच्चों को सेना में जाने, भारत माता की सेवा करने का मौका मिला. राज्य निर्माण के बाद सैनिक स्कूल का कैम्पस नही बन सका था, जबकी 1 सितम्बर 2008 को अंबिकापुर में सैनिक स्कूल शुरू हो चुका था.

छत्तीसगढ़ का इकलौता सैनिक स्कूल (ETV Bharat)

देश का 23वीं सैनिक स्कूल: सरगुजा में खुला सैनिक स्कूल देश का 23 वां सैनिक स्कूल था. साल 2008 के बाद सैनिक स्कूल का विशाल कैम्पस का निर्माण शहर से दूर मेंड्रा कला में शुरू हुआ. 39 करोड़ 10 लाख की लागत से सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य किया गया. 24 सितम्बर 2018 तक सैनिक स्कूल अपने नए कैम्न्पस में शिफ्ट हुआ. सैनिक स्कूल के नए भवना का उदघाटन उस वक्त के मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह ने किया.

छत्तीसगढ़ का इकलौता सैनिक स्कूल (ETV Bharat)

अबतक 6 प्रिंसिपल बदल चुके हैं: 2008 में अंबिकापुर में सैनिक स्कूल की स्थापना के बाद से अबतक 6 प्रिंसिपल बदल चुके हैं. स्थापना के समय यहां के पहले प्रिंसिपल कैप्टन महेश सी कंडपाल रहे जिनका यहां कार्यकाल 16 जुलाई 2008 से 31 मार्च 2011 तक रहा. इसके बाद कैप्टन एस शिवकुमार ने 1 अप्रैल 2011 से 31 अक्टूबर 2011 तक सेवा दी. कैप्टन जी राम बाबू 10 फरवरी 2012 से 30 जून 2014 तक प्रिसिपल रहे. कैप्टन तरुण खरे ने 1 अगस्त 2014 को सरगुजा सैनिक स्कूल ज्वाइन किया और 13 मई 2018 तक उन्होंने यहां सेवा दी. 12 जून 2018 को कर्नल जितेन्द्र डोंगरा अम्बिकापुर सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल बनाये गये और 14 जून 2021 तक वो यहां रहे. 27 अक्टूबर 2021 को यहां कर्नल मिताली मधुमिता ने पदभार संभाला. उनके जाने के बाद यहां वर्तमान में कर्नल रीमा सोबती प्राचार्या हैं.

छत्तीसगढ़ का इकलौता सैनिक स्कूल (ETV Bharat)

कौन बनेगा करोड़पति में हुईं शामिल: प्रचार्यों की लिस्ट में सबसे चर्चित नाम रहा है कर्नल मिताली मधुमिता का प्रिंसिपल रहते हुए कर्नल मधुमिता ने कौन बनेगा करोड़पति में हिस्सा लिया.आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित इस पहले एपिसोड में कर्नल मिताली के साथ कारगिल युद्ध के योद्धा मेजर डीपी सिंह और बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान भी थे. महानायक अमिताभ बच्चन के साथ ये तीन लोग हॉट सीट पर बैठे. कनर्ल मिताली मधुमिता को कौन बनेगा करोड़पति के 14वें सीजन के पहले एपिसोड के लिए आमंत्रित किया गया. कनर्ल मिताली मधुमिता युद्ध काल में प्रदान किए जाने वाले प्रतिष्ठित वीरता पुरस्कार सेना मेडल प्राप्त करने वाली भारत की पहली महिला सैन्य अधिकारी हैं.

छत्तीसगढ़ का इकलौता सैनिक स्कूल (ETV Bharat)
छत्तीसगढ़ का इकलौता सैनिक स्कूल (ETV Bharat)

कर्नल मिताली मधुमिता ने बचाए थे 19 लोगों की जान: इस कायर्क्रम के दौरान प्राचार्या कनर्ल मिताली मधुमिता और आमिर खान की जोड़ी ने प्रथम चरण में 40 हजार रुपये के सवाल सफलता के साथ पार किए. इसके बाद खेल के नियमों के अनुसार आगे का खेल खेलने के लिए मेजर डीपी सिंह को हॉट सीट पर बुलाया गया और उन्होंने खेल को अगले चरण में 50 लाख तक की राशि तक पहुंचाया. आमिर ख़ान के पूछे गए एक सवाल के जवाब में कर्नल मिताली मधुमिता ने बताया था कि "फरवरी 2010 में जब वे काबुल में अंग्रेजी भाषा के प्रशिक्षक के रूप में तैनात थीं तो भारतीय दूतावास पर आतंकवादी हमला हुआ था. कनर्ल मिताली मधुमिता ने स्वयं पहल करके वहां उपस्थित अफगान नागरिकों की सहायता से भीषण गोलीबारी के बीच कुल 19 लोगों की जान बचाई. जिनमें अफगानी नागरिक भी शामिल थे".

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यहां से पढ़कर निकले छात्र लिख रहे हैं इतिहास: बहरहाल राज्य निर्माण के बाद सैनिक स्कूल सरगुजा में खुलने से यहां के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो रहा है. यहां पढ़ाने आने वाले शिक्षकों से यहां के लोगों को बहुत कुछ सीखने को भी मिला. सरगुजा से बड़ी संख्या में हर साल युवा सेना में भर्ती होते हैं. सैनिक स्कूल सरगुजा में होने के चलते यहां के बच्चों को काफी फायदा हुआ है.

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