लखनऊ: उत्तर प्रदेश मदरसा एजुकेशन बोर्ड इस समय कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है. प्रदेश में 16,000 से अधिक मान्यता प्राप्त मदरसे और 560 अनुदानित मदरसे हैं. इन मदरसों में करीब 10,000 शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं और लाखों बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इसके बावजूद मदरसा बोर्ड के संचालन के लिए केवल सात कर्मचारी ही हैं, जबकि 34 पद सृजित हैं.
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड में कर्मचारियों की भारी कमी, 7 के भरोसे चल रहा बोर्ड, 26 पद खाली - UP MADARSA BOARD
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड सिर्फ 7 कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है. जिसकी वजह से मदरसे से जुड़े कार्य लंबित चल रहे हैं. जबकि बोर्ड में 26 पद खाली चल रहे हैं.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Oct 3, 2024, 6:10 PM IST
कर्मचारियों की कमी के कारण बोर्ड का प्रशासनिक कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. परीक्षा परिणामों की समय पर घोषणा और प्रमाणपत्र सत्यापन, लंबे समय से लंबित हैं. जिसकी वजह से छात्रों का भविष्य अधर में लटक जाता है और वे विश्वविद्यालयों में समय पर प्रवेश लेने से चूक जाते हैं. यहां तक कि पासपोर्ट बनवाने में भी सत्यापन की प्रक्रिया में देरी होती है, जिससे सैकड़ों छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश मदरसा एजुकेशन बोर्ड में रजिस्ट्रार 1, उप-रजिस्ट्रार/ निरीक्षक 2, सहायक लेखा अधिकारी 1, प्रशासनिक अधिकारी 1, आशुलिपिक 2, कनिष्ठ सहायक 8, स्टोर कीपर 1, टंकक 1, दफ्तरी 1, अर्दली /स्वीपर 6 पद खाली हैं. इस मदरसा बोर्ड में सिर्फ 6 वरिष्ठ सहायक और 1 कनिष्ठ सहायक पूरे मदरसा बोर्ड का कामकाज देख रहे हैं.