भिलाई :पुलिस और सरकार ऑनलाइन ठगों से बचने के लिए भले ही कितने अभियान चलाए लेकिन इंसान की बेवकूफी के कारण ठग हर बार अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं.आलम ये है कि पढ़े लिखे समझदार लोगों के ठगे जाने की संख्या अनपढ़ों से ज्यादा है.स्मार्ट तरीके से पैसा कमाने का जुनून इस कदर लोगों के दिमाग में हावी है कि वो जरा भी नहीं सोचते कि उनकी मेहनत की कमाई कहां जा रही है. ऑनलाइन होती जिंदगी में ठगी का धंधा भी ऐसे ही लोगों के कारण दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की कर रहा है. छत्तीसगढ़ की स्टील सिटी इसका बड़ा केंद्र बनती जा रही है. ताजा मामले में एक बार फिर ठगों ने बड़ी ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. इस बार ठगों ने पुराने तरीके से ही नए इंसान को चूना लगाया है.
कौन बना ठगी का शिकार :भिलाई नगर थाना अंतर्गत सेक्टर 7 रशियन कॉम्प्लेक्स निवासी पांडब चरण राउल को ऑनलाइन ठग ने अपना शिकार बनाया. पांडब से ऑनलाइन ठग ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 21 लाख रुपए की ठगी की है.पीड़ित पांडब भिलाई स्टील प्लांट का कर्मचारी है और शेयर मार्केट से करोड़पति बनने का सपना देख रहा था.इस सपने को पंख तब लगे जब 13 दिसंबर 2024 को दोपहर 12 बजे उनके मोबाइल नंबर पर एक अनजान कॉल आया.जिस शख्स ने कॉल किया था उसने खुद को आदित्य बिड़ला ग्रुप का कर्मचारी बताया.इस दौरान पांडब को सामने वाले शख्स ने कई सारे शेयर के रेट और इनवेस्ट का तरीका बताया.
सेबी का अधिकारी बनकर दिया झांसा :पांडब को बताया गया कि जिससे वो बात कर रहा है वो SEBI के रजिस्टर्ड QIB (Qualified institutional buyers) हैं. जो शेयर ट्रेडिंग का काम करते हैं. उसने पांडव को आदित्य बिरला ग्रुप आनलाइन शेयर ट्रेडिंग पर पैसा इनवेस्ट करने की सलाह दी. लेकिन पांडब ने पैसा इनवेस्ट करने से मना कर दिया. ठीक इसके दो दिन बाद फिर से पांडब के पास कॉल आया. इस बार कॉल करने वाले शख्स ने खुद का नाम आर्या आनंद बताया. उसने कहा कि हम लोग आदित्य बिरला ग्रुप से रजिस्टर्ड हैं. कंपनी से कम रेट में शेयर खरीदकर कम रेट में ही अपने मेम्बर्स को बेचते हैं. इससे उन्हें अधिक मुनाफा होता है.
बीएसपी कर्मी को वाट्सअप ग्रुप से जोड़ा :आर्या आनंद ने पांडब को एक वाट्सप ग्रुप में जोड़ दिया.इस ग्रुप में ऐसे लोगों के मैसेज आ रहे थे जो कंपनी के बताए गए शेयर खरीदकर अमीर बन रहे थे.बस फिर क्या था पांडब को लगा उसके हाथ करोड़पति बनने की चाबी लग गई. उसने भी आर्या आनंद को पैसा एनवेस्ट करने के लिए कहा.ग्रुप में पांडब को एक लिंक भेजा गया.जिसमें ऑनलाइन ट्रे़डिंग अकाउंट खोलने के लिए कहा गया. पांडब ने लिंक खोलकर अपनी सारी जानकारी भर दी.इसके बाद उसके पास एक कंफरमेशन कॉल आया.