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केदारनाथ आपदा की बरसी पर दिवंगतों को अर्पित की श्रद्धासुमन, बाबा केदार से की प्रार्थना - anniversary of kedarnath disaster

11th Anniversary of Kedarnath Disaster केदारनाथ आपदा के 11 वर्ष के मौके पर दिवंगत के प्रति शोक संवेदना जताई गई. मंदिर समिति, तीर्थपुरोहितों, व्यापारियों ने केदारनाथ में दिवंगतों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए याद किया.

11th Anniversary of Kedarnath Disaster
केदारनाथ आपदा की बरसी पर दिवंगतों को अर्पित की श्रद्धा सुमन (ETV PHOTO- ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 17, 2024, 3:26 PM IST

रुद्रप्रयाग: 15-16 जून 2013 को केदारनाथ धाम में आई आपदा ने पूरी केदारपुरी को तहस नहस कर दिया था. पांच हजार से अधिक यात्री, तीर्थपुरोहित और स्थानीय लोग इस त्रासदी के शिकार हो गए थे. इस मौके पर केदारनाथ धाम में मंदिर समिति, तीर्थपुरोहितों, व्यापारियों ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. इस अवसर पर केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने सभी दिवंगतों को याद किया और उनके प्रति संवेदना जताई. सभी वक्ताओं ने दो मिनट का मौन रखा.

वहीं बदरी केदार मंदिर मिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भी केदारनाथ धाम में वर्ष 2013 में 16 और 17 जून को आई जल प्रलय त्रासदी के ग्यारह बर्ष बीतने के अवसर पर दिवंगतों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है. अपने संदेश में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि यह एक भयायक प्राकृतिक आपदा थी जिससे श्री केदारनाथ धाम में भारी जल प्रलय आ गया था और हजारों में जानमाल की क्षति हुई.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में केदारनाथ का पुनर्निर्माण हुआ है. भव्य और दिव्य केदार पुरी अस्तित्व में आई है. लोग धीरे- धीरे आपदा के दंश से उबरे हैं. विकट मौसम की चुनौतियों के बीच निर्माण एजेंसियां पुनर्निर्माण में जुटी हुई है.

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ के मुताबिक श्री बदरीनाथ धाम और श्री केदारनाथ धाम में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने आज के दिन हुए केदारनाथ जल प्रलय में दिवंगतों की आत्म शांति को लेकर प्रार्थना की गई. जिले के गुप्तकाशी, जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग, ऊखीमठ में भी त्रासदी की 11वीं वर्षी पर दिवंगतों को याद कर संवेदना जताई गई.

केदारनाथ आपदा:16-17 जून 2013 को केदारनाथ मंदिर के ऊपर चौराबाड़ी झील में बादल फटने से भारी मलबा, विशाल बोल्डर भहकर आए थे. भारी मलबे के कारण धाम में शांत बहने वाली मंदाकिनी नदी ने भी विकराल रूप लेकर तबाही मचाई थी. उस रात सैलाब के रास्ते में आए सैकड़ों घर, रेस्टोरेंट और हजारों लोग बह गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आपदा में करीब 4700 तीर्थ यात्रियों के शव बरामद हुए. जबकि पांच हजार से अधिक लापता हो गए. इतना ही नहीं आपदा के कई वर्षों बाद भी लापता यात्रियों के कंकाल मिलते रहे थे.

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