पंचकूला:हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) ने प्रदेश में करीब 12 साल बाद आयोजित आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर (एएमओ) ग्रुप-बी के पदों की भर्ती परीक्षा का नतीजा घोषित किया. विज्ञापन संख्या 16/2024 के तहत हेल्थ एवं आयुष विभाग, हरियाणा में एएमओ के कुल 805 पदों के लिए भर्ती खोली गई थी, लेकिन एचपीएससी द्वारा 5 फरवरी 2025 को केवल 530 निर्विवाद पदों का नतीजा घोषित किया गया. कुछ मामले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं. लेकिन 275 पद रिक्त रह जाने के चलते विपक्षी दलों ने इस भर्ती को गड़बड़झाला बताया है.
कांग्रेसी नेता सुरजेवाला ने पोस्ट कर पूछे सवाल:कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और एक्स पर पोस्ट कर इस भर्ती को लेकर सवाल पूछे हैं. उन्होंने भर्ती को गड़बड़झाला बताया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि हरियाणा में 12 साल बाद निकली आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर (AMO) की भर्ती में भी गड़बड़झाला सामने आया है. नायब सैनी सरकार को हरियाणा के बच्चे नौकरी के योग्य नहीं लगते. पद भी खाली और जो भरे गए हैं, उनमें आधे से ज्यादा हरियाणा के बाहर से अभ्यर्थी हैं. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा -
- ️कुल 805 पदों की भर्ती के लिए दिए इश्तिहार के बाद भी 275 पद खाली छोड़ दिए गए.
- AMO के SC/BC के 242 और सामान्य वर्ग के 33 पोस्ट भरे ही नहीं गए.
- इनमें से SC वर्ग के 113, BC-A वर्ग के 55, BC-B के 27 और EWS के 47 पद खाली छोड़ दिए.
- HPSC ने ये सारे पद ये कहकर खाली छोड़ दिए कि इनके लिए योग्य उम्मीदवार ही नहीं मिले.
- UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा में भी हरियाणा से लगभग 30% तक अभ्यर्थी सिलेक्ट होते हैं, लेकिन भाजपा की निकम्मी सरकार में HPSC (हरियाणा लोक सेवा आयोग) को हरियाणा से योग्य अभ्यर्थी ही नहीं मिले.
- AMO की भर्ती के लिए चयनित 530 अभ्यर्थियों में भी अधिकतर हरियाणा से बाहर के भर लिए, क्या हरियाणा के युवा इस लायक नहीं ?
नोट: (उपरोक्त सभी प्रश्न कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने पोस्ट में किए हैं.)
उन्होंने आगे लिखा कि सच तो ये है कि लगातार हरियाणा के युवाओं को धोखा देती आ रही भाजपा की निकम्मी सरकार, 12 साल बाद भी AMO की भर्ती परीक्षा और चयन प्रक्रिया को पूरी कराने में नाकारा साबित हुई है.
अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में लगाई याचिकाएं:इससे पहले एचपीएससी ने 21 जून 2024 को आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर के पदों के लिए आयोजित सामान्य पात्रता परीक्षा पास करने वाले 102 उम्मीदवारों का दावा दस्तावेजों की स्क्रुटनी के बाद रिजेक्ट कर दिया था. फिर 13 जनवरी 2025 को अयोग्य घोषित किए इन कई उम्मीदवारों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इसके बाद हाईकोर्ट ने 27 जनवरी 2025 को इन याचिकाकर्ता उम्मीदवारों को साक्षात्कार प्रक्रिया में अंतिम रूप से भाग लेने के आदेश दिए.