पलामूःविधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल सामाजिक समीकरण साधने में जुट गए हैं. टिकट बंटवारे से पहले सामाजिक और जातिगत समीकरण बिठाए जा रहे हैं. पलामू के इलाके में ओबीसी का वोट बैंक काफी मजबूत है. पलामू के डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र से आलोक चौरसिया, बिश्रामपुर विधानसभा सीट से रामचंद्र चन्द्रवंशी और पांकी विधानसभा सीट से डॉ शशिभूषण मेहता ओबीसी वर्ग हैं.
2019 के विधानसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर
2019 के विधानसभा चुनाव में विश्रामपुर विधानसभा सीट से भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी चुनाव जीते थे, दूसरे स्थान पर बसपा के राजन मेहता रहे थे. हुसैनाबाद विधानसभा सीट से कमलेश सिंह चुनाव जीते थे, जबकि छत्तरपुर रिजर्व सीट से पुष्पा देवी चुनाव जीती थीं.
राजनीतिक दल टिकट को लेकर बिठा रहे हैं समीकरण
पलामू के तीन सीटों पर भाजपा के ओबीसी विधायक हैं. वहीं इंडी गठबंधन भी इन सीटों पर अपने-अपने समीकरण को बिठा रहा है. बिश्रामपुर विधानसभा सीट पर सबकी खास नजर है. डालटनगंज विधानसभा सीट से आलोक चैरसिया के खिलाफ दो बार लगातार कांग्रेस के केएन त्रिपाठी चुनाव हारे हैं. 2014 में बिश्रामपुर रामचंद्र चन्द्रवंशी के खिलाफ अंजू सिंह, जबकि 2019 में राजन मेहता दूसरे स्थान पर थे. पांकी विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक डॉ शशिभूषण मेहता दूसरे स्थान पर रहे थे. वही 2019 में वे चुनाव जीत गए थे.
2014 के बाद पलामू में ओबीसी की बढ़ी है ताकत
2014 के बाद से पलामू के पांचों विधानसभा सीट पर ओबीसी के नेताओं की ताकत बढ़ी है. हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव और कुशवाहा शिवपूजन मेहता विधायक बने हैं. डालटनगंज विधानसभा सीट से विधायक आलोक चौरिसया के पिता अनिल चौरसिया राजनीति करते थे और लगातार दूसरे स्थान पर थे. अनिल चौरसिया के निधन के बाद पहली बार 2014 में आलोक चौरसिया विधायक बने.
जानिए क्या कहते हैं नेता