नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के 1700 से अधिक सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में 28 नवंबर से नर्सरी, केजी और पहली कक्षा में दाखिले के लिए आवेदन फॉर्म मिलने शुरू होंगे. लेकिन, शिक्षा निदेशालय के निर्देश के बावजूद अभी तक कुछ स्कूलों ने अपनी वेबसाइट पर दाखिला मानदंड अपलोड नहीं किए हैं. जबकि स्कूलों को 25 नवंबर तक दाखिला मापदंड अपलोड करने थे. कुछ स्कूलों ने मंगलवार 26 नवंबर की देर शाम तक भी दाखिला मानदंड अपलोड किए हैं. इतना ही नहीं कुछ स्कूलों ने दाखिला मानदंड अपलोड करने में अपनी मनमानी भी की है.
नर्सरी दाखिला प्रक्रिया को नियंत्रित करने में शिक्षा निदेशालय की ढिलाई :स्कूलों ने मानदंड में उन बिंदुओं को भी शामिल कर लिया है, जिनको शामिल न करने के लिए निदेशालय ने प्रतिबंधित किया हुआ है. कुल 1741 स्कूलों को दाखिला मानदंड अपलोड करने थे उनमें से मंगलवार देर शाम तक कुल 1622 स्कूलों ने ही दाखिला मानदंड अपलोड किए हैं. इसके साथ ही शिक्षा निदेशालय ने भी अभी तक सभी स्कूलों के दाखिला मानदंड एक साथ देखने के लिए अपनी वेबसाइट पर जारी किया जाने वाला लिंक भी अभी तक अपलोड नहीं किया है. इस वजह से अभिभावकों को स्कूलों के दाखिला मानदंड देखने के लिए अलग-अलग स्कूलों की वेबसाइट खंगालनी पड़ रही हैं.
किस जिले में कितने स्कूलों ने अपलोड किए दाखिला मानदंड :पूर्वी दिल्ली जिले के 134 स्कूल, पश्चिमी जिले के 219 स्कूल, दक्षिण पश्चिमी जिले के 118 स्कूल, मध्य जिले के 25 स्कूल और नई दिल्ली जिले के 14 स्कूलों ने दाखिला मानदंड अपलोड किए हैं. दाखिला मानदंडों में हर साल की तरह इस साल भी स्कूल से घर की कम से कम दूरी को ही स्कूलों ने दाखिला देने की पहली शर्त रखा गया है. स्कूलों ने एक से तीन किलोमीटर तक की दूरी के लिए 50 से 80 अंक तय किए हैं. आईपी एक्सटेंशन स्थित नेशनल विक्टर पब्लिक स्कूल ने 50, मयूर विहार फेस-तीन स्थित विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने 60 अंक और प्रीत विहार स्थित यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल ने 50 अंक बच्चे के घर से स्कूल की दूरी अनुसार निर्धारित किए हैं.
दाखिला मानदंड में इस तरह स्कूल कर रहे नियमों का उल्लंघन :प्रतिबंध के बावजूद कुछ स्कूलों ने बच्चे को स्कूल लाने ले जाने के लिए स्कूल का वाहन लगवाने के लिए भी अलग से अंक निर्धारित किए हैं. यह नियमों का उल्लंघन है.इसके अलावा कुछ स्कूल बच्चे के दूसरे भाई बहन को अपने स्कूल में ट्रांसफर करने के लिए भी अलग से अंक दे रहे हैं. यह भी निदेशालय के दाखिला मानदंडों का उल्लंघन है.
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