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सावधान! राजधानी देहरादून में बढ़ रहे कैंसर के मरीज, जानिए क्या कह रहे एक्सपर्ट - DEHRADUN CANCER PATIENTS INCREASED

देहरादून में कैंसर मरीजों के बढ़ते आंकड़े चिंता का विषय बनते जा रहे हैं. मरीज थर्ड और फोर्थ स्टेज में इलाज कराने पहुंच रहे हैं.

Dehradun cancer patient
राजधानी में बढ़ रहे कैंसर के मामले (Photo-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 8, 2025, 7:27 AM IST

देहरादून:राजधानी देहरादून में लगातार कैंसर पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक बीते 3 सालों में करीब 6 हजार मरीजों की कीमोथेरेपी हो चुकी है. वहीं देहरादून में कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ना चिंता का सबब बनी हुई है.

दून अस्पताल का कैंसर विभाग इस दिशा में भी शोध करने में जुटा हुआ है कि देहरादून के किस क्षेत्र से कैंसर से पीड़ित मरीजों के मामले सबसे अधिक आ रहे हैं. शोध रिपोर्ट आने में समय लग सकता है. लेकिन दून अस्पताल की कैंसर यूनिट में इस बीमारी से पीड़ित करीब 70% मरीज थर्ड और फोर्थ स्टेज में अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं. ऐसी अवस्था में मरीज को इस गंभीर बीमारी से निकालना डॉक्टरों के लिए चुनौती के समान है. दून अस्पताल मे कैंसर मरीजों के इलाज के लिए 30 बेड का वार्ड बनाया गए हैं. लेकिन इस वार्ड की 80 से 100% ऑक्युपेंसी बनी रहती है.

देहरादून में बढ़ रही कैंसर के मरीजों की संख्या (Video-ETV Bharat)

कैंसर रोग विभाग के एचओडी डॉ. दौलत सिंह का कहना है कि देहरादून में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यदि इस बीमारी की प्राइमरी स्टेज में पहचान हो जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि बदलती जीवन शैली और खानपान के कारण कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. डॉक्टर दौलत के मुताबिक देहरादून मे सबसे ज्यादा स्त्रियों में स्तन व फूड अल्टरेशन की वजह से आहार नाल का कैंसर, पुरुषों में मुंह, गले, प्रोस्टेट और फेफड़ों के कैंसर के मामले सबसे अधिक सामने आ रहे हैं, जो बहुत ज्यादा चिंता का विषय है.

उन्होंने बताया कि बीते 3 सालों में विभाग की ओर से करीब 6000 कैंसर पीड़ित मरीजों की कीमोथेरेपी की जा चुकी है. उसके बावजूद यह डाटा निरंतर बढ़ता जा रहा है. हालांकि उन्होंने कहा कि अस्पताल में रेडियोथैरेपी की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इसलिए मरीज अपना इलाज कराने कम आ रहे हैं. यदि यह सुविधा अस्पताल में उपलब्ध हो जाएगी तो निश्चित तौर पर कैंसर के पीड़ित मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है.
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