नूंह:नूंह के मरोड़ा गांव की आईटीआई महिला विंग भवन खंडहर बन चुका है. यहां की हालत बद से बदतर है. जिला मुख्यालय नूंह से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित ये भवन करीब 10-12 साल पहले बनकर तैयार हुआ था. गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग 248ए पर ये बना हुआ है. यहां कई सालों तक स्टाफ और स्टूडेंट्स का खाता भी नहीं खुल पाया था. शुरुआत में यहां कुल 33 लड़कियों ने दाखिला लिया, जिनमें से अध्यापकों की कमी के चलते कुछ स्टूडेंट्स ने नाम कटवा लिया और घर बैठ गई, तो कुछ ने पढाई बीच में ही छोड़ दिया. बाकि जिन्होंने आईटीआई पास की, उन्होंने 20 किलोमीटर दूर सोहना आईटीआई का रुख किया.
करोड़ों रुपए हुए थे खर्च: मरोड़ा वुमन आईटीआई में करीब 218 लड़कियों की सीटें थी. बॉयज और गर्ल्स आईटीआई पर कांग्रेस सरकार के समय में करोड़ों रुपये खर्च हुए, लेकिन सरकार इस आईटीआई को शायद भूल गई. बॉयज आईटीआई में तो पढ़ाई जैसे-तैसे हो रही है, लेकिन वुमन आईटीआई की बिल्डिंग में तो छात्राओं से लेकर अध्यापक तक के पैर तक नहीं पड़े हैं.
शरारती तत्वों का बना अड्डा: आलम यह है कि ये आईटीआई भवन शरारती तत्वों का अड्डा बनकर रह गया है. अभी तक तो जमीन समतल तक भी नहीं हुई है. बिल्डिंग का उदघाटन तक नहीं हुआ, उससे पहले शीशे टूट चुके हैं. दरवाजों में दीमक लगी हुई है. भवन देखरेख के अभाव में खंडहर होता जा रहा है. आलीशान भवन लोगों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है.